केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बोले- अस्थि विसर्जन से गंगा हो रही हैं दूषित
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केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बोले- अस्थि विसर्जन से गंगा हो रही हैं दूषित

अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा है कि अस्थि विसर्जन से गंगा प्रदषित हो रही हैं.

केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने हिंदुओं में अस्थि विसर्जन की परंपरा पर टिप्पणी की है. तस्वीर साभार: PTI फाइल

नई दिल्ली: अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा है कि अस्थि विसर्जन से गंगा प्रदषित हो रही हैं. उत्तर प्रदेश के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि हिंदुओं को अस्थियों के गंगा में प्रवाह को रोकने के लिए इसके विकल्प तलाशने चाहिए. सूझाव के तौर पर सत्यपाल सिंह ने कहा कि अस्थियों को जमीन पर इकट्ठा करके पूर्वजों के नाम का पौधा लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने महामंडलेश्वरों को जल समाधि के बजाए दाह संस्कार करने की सलाह दी है. सत्यपाल सिंह ने जिस कार्यक्रम में ये बातें कही, वहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे.

  1. केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने गंगा में अस्थि विसर्जन पर उठाए सवाल
  2. महामंडलेश्वरों को जल समाधि के बजाए दाह संस्कार करने की सलाह दी
  3. लड़कियों के जींस पहनने पर भी कमेंट कर चुके हैं सत्यपाल सिंह

केंद्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा, 'परिस्थिति को देखते हुए मैं सभी से अपील करता हूं कि गंगा में प्रवाहित करने के बजाय अस्थियों को किसी जमीन पर एक स्थान पर एकत्र के उसके ऊपर पौधे लगाए जाएं. ताकि आने वाली पीढ़ी उस पौधे में अपने पूर्वजों की छवि देख सकें.' उन्होंने पुजारियों से अपील की कि वे गंगा की सफाई को लेकर जागरुकता फैलाएं. वहीं कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गोमुख से गंगा सागर तक गंगा 2500 किमी के प्रवाह को अविरल व निर्मल बनाए रखने के लिए समाज के हरेक वर्ग को आगे आना चाहिए.

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स्वच्छ गंगा: कैग ने वित्तीय प्रबंधन में खामियों पर सवाल उठाए
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने केंद्र सरकार के प्रमुख नमामि गंगे कार्यक्रम में पिछले तीन साल के दौरान वित्तीय प्रबंधन, योजना और क्रियान्वयन में खामियों को लेकर सवाल उठाए हैं. शीर्ष आडिटर के प्रदर्शन आडिट में यह तथ्य सामने आया है कि 2014-15 से 2016-17 के दौरान कोष का कम इस्तेमाल होने तथा परियोजनाओं में विलंब तथा लक्ष्यों की प्राप्ति में खामियां सामने आई हैं. यह रपट संसद में मंगलवार को रखी गई. रपट में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन :एनएमसीजी: के पास क्रमश: 2,133.68 करोड़ रुपये, 422.13 करोड़ रुपये तथा 59.28 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं हो पाया है. स्वच्छ गंगा कोष के पास 31 मार्च, 2017 तक 198.14 करोड़ रुपये का कोष था जिसका इस्तेमाल एनएमसीजी द्वारा नहीं किया जा सका और पूरी राशि बैंकों में कार्रवाई योजना को अंतिम रूप नहीं दिए जाने की बेकार पड़ी रही.

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मंडप में जींस पहनकर लड़की जाएगी तो कौन लड़का उससे शादी करेगा?
11 दिसंबर को सत्यपाल सिंह ने कहा था, 'कोई आदमी अगर कहने लगे की मैंने जींस पहनके किसी मंदिर का महंत बन जाऊंगा तो लोग पसंद करेंगे क्या? कोई पसंद नहीं करेगा. या कोई लड़की जींस पहनकर के शादी की बेदी (मंडप) पर जाएगी तो कितने लड़के उससे शादी करना चाहेंगे?' 

केंद्रीय मंत्री ने ये बातें गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापन दिवस समारोह में सोमवार को कही. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और यूपी के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह को हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है.

पहले भी सत्यपाल सिंह के बयान पर उठ चुके हैं सवाल
साल 2016 में सत्यपाल सिंह ने कहा था, ‘यदि तुम्हें कोई गुंडा परेशान करे तो मुझे बता देना, मैं मुंबई का सबसे बड़ा गुंडा रहा हूं. दादाओं का दादा रहा हूं, देखने में सीधा सादा इंसान हूं.' इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि ‘मैं गुंडों के लिए गुंडा हूं और सज्जनों के लिए सज्जन’.

इसी साल अक्टूबर में बिलासपुर स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में सत्यपाल सिंह ने कहा था कि भगवा ज्ञान का प्रतीक है और सूर्य का रंग भी भगवा है. वो यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि भारतीय समाज भगवे को सन्यास का रंग मानता है और यह अध्यात्म का रंग है.

मालूम हो कि हाल ही में पटना के प्रसिद्ध मगध महिला कॉलेज में लड़कियों के जींस पहनने पर रोक लगा दी गई थी. इसके अलावा कॉलेज प्रशासन ने क्लासरूम में मोबाइल बैन कर दिया था. यहां की प्रिंसिपल ने तर्क दिए थे कि मुस्लिम लड़कियां कभी भी जींस नहीं पहनती हैं, हिंदू लड़कियों के कपड़े आपत्तिजनक होते हैं.

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