खुफिया एजेंसियों ने उसके मुताबिक अलकायदा ISIS और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन इंटरनेट पर भारत के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं और देश के युवाओं को बरगला कर उन्हें अपने संगठन में भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं.
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मनीष शुक्ला, नई दिल्ली: गृह मंत्रालय में कीपैड जिहादी के बढ़ते खतरे को लेकर के उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. गृह सचिव की अध्यक्षता में हो रही बैठक में ऑनलाइन रेडिक्लेरेशन के खतरों से निपटने के लिए रणनीति तय की जाएगी. खुफिया एजेंसियों ने उसके मुताबिक अलकायदा ISIS और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन इंटरनेट पर भारत के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं और देश के युवाओं को बरगला कर उन्हें अपने संगठन में भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक तीन ऐसी बड़ी घटनाएं एजेंसियों के सामने आई हैं, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई है. पहली घटना ISIS के एक टेलीग्राम चैनल पर कुछ ऑडियो रिलीज किए गए हैं, जिसमें कठुआ में हुए रेप और घटना का जिक्र किया गया है.
दूसरी घटना कश्मीर के ही एक और टेलीग्राम चैनल पर हिजबुल मुजाहिदीन के 12 आतंकियों का बदला लेने का जिक्र है, जिसमें कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद इसका जल्द बदला लेगा.
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तीसरी घटना ऐसे ही एक और टेलीग्राम चैनल पर मुस्लिम युवकों को आनलाइन रेडिक्लाइज्ड कर आतंकी गुट में भर्ती करने की कोशिश की जा रही है ताकि अलकायदा को मजबूत किया जा सके.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का बड़े पैमाने पर सहारा ले रहे हैं. ISIS के कई ऐसे सीक्रेट टेलीग्राम चैनल है, जिसमें क्लोज ग्रुप में लोगों को जोड़ा गया है. इनमें भारत के ख़िलाफ़ युवाओं को भड़काया जाता है. ऐसे ही कश्मीर के आतंकी गुटों में युवाओं को शामिल करने के लिए ISI और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठन WhatsApp टेलीग्राम और ऑनलाइन मैगजीन का सहारा ले रहे हैं.
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आतंकी WhatsApp ग्रुप में पहले फेक ऑडियो और वीडियो को भेजते हैं और कश्मीरी युवकों को ये समझाने की कोशिश की जाती है कि भारतीय सेना उनके खिलाफ गलत कामों में शामिल है.
अब गृह मंत्रालय लश्कऔर संगठनों के रेडिक्लाइजेशन के खतरों को काउंटर करने के लिए रणनीति बनाने में लगा हुआ है. गृह मंत्रालय में होने वाली बैठक में इंटेलिजेंस एजेंसीज के अधिकारियों के अलावा कई साइबर एक्सपर्ट बैठक में हिस्सा लेंगे.