आवास घोटाले में एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बरी, 21 साल से चल रहा था मुकदमा
Advertisement
trendingNow1360799

आवास घोटाले में एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बरी, 21 साल से चल रहा था मुकदमा

सरकारी आवास आवंटन से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में 21 साल से मुकदमे का सामना कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी के थुंगन को यहां एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: सरकारी आवास आवंटन से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में 21 साल से मुकदमे का सामना कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी के थुंगन को यहां एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया है. अदालत ने कहा कि सीबीआई यह साबित करने में नाकाम रही कि थुंगन ने अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया. अदालत ने थुंगन (71) के अलावा 14 अन्य को भी बरी किया, जिसमें कई सरकारी अधिकारी शामिल हैं. वहीं, मुकदमा चलने के दौरान तीन आरोपियों की मौत हो गई. विशेष सीबीआई जज कामिनी लाऊ ने कहा कि अभियोजन थुंगन पर लगे आरोप को साबित नहीं कर सका. गौरतलब है कि उन पर आरोप था कि उन्होंने शहरी विकास राज्य मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया.

  1. अदालत ने 71 साल के पूर्व मंत्री सहित 14 अन्य को भी बरी किया
  2. मुकदमा चलने के दौरान तीन आरोपियों की मौत हो गई
  3. आरोप था थुंगन ने अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया

अरुणाचल के सीएम भी रह चुके हैं थुंगन
अदालत ने 440 पन्नों के फैसले में कहा कि सीबीआई यह साबित करने में भी नाकाम रही कि उन्होंने आवास के बारे में जाली आवेदन फार्म का इस्तेमाल किया.

मुकदमे के दौरान अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थुंगन ने दावा किया कि वह बेकसूर हैं और उन्हें बदले की राजनीति के चलते फंसाया गया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने अपने कर्तव्य निभाते हुए किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया.

22 साल से दिल्ली में रहने को मजबूर थे थुंगन
उन्होंने कहा कि वह एक वरिष्ठ नागरिक हैं और उन्हें इस मामले के चलते पिछले 22 साल से अधिक समय से अपने मूल निवास अरुणाचल प्रदेश से दूर दिल्ली में रहने के लिए मजबूर किया गया. अदालत ने कहा कि आरोपी थुंगन, वीरेंद्र अरोड़ा, टीटी कुमारस्वामी (मंत्री के निजी स्टाफ), नीमा शेरिंग (अरुणाचल प्रदेश में पूर्व विधायक), उमेश जोशी, विजय दक्ष, वेद प्रकाश कौशिक, सुनिल खोसला, रोशन लाल राणा, वीर भान, चंदन सिंह राणा, नरेन्द्र ध्यानी और राज कुमार जोशी को बरी किया जाता है. रिकार्ड के मुताबिक मामला 1996 में दर्ज किया गया था और सीबीआई ने 2003 में आरोपपत्र दाखिल किया था.

1993 - 95 के दौरान शहरी विकास राज्य मंत्री
थुंगन अन्य के साथ सरकारी आवास के आवंटन में कथित अनियमितता बरतने को लेकर मुकदमे का सामना कर रहे थे. सीबीआई ने 18 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक थुंगन ने 1993 - 95 के दौरान शहरी विकास राज्य मंत्री रहने के दौरान अन्य आरोपियों के साथ सरकारी सेवकों को आवास आवंटन की समूची प्रणाली में कथित तौर पर तोड़ मरोड़ किया था. यह आरोप भी था कि कइयों को उनकी बारी आने से पहले आवास आवंटन किया गया.

अदालत ने कहा कि दस्तावेजों से जाहिर होता है कि थुंगन ने ‘आवंटित किया जा सकता है’ लिखा था जिसका यह मतलब नहीं है कि ऐस्टेट निदेशालय को अवैध रूप से या नियमों का उल्लंघन करते हुए आवास आवंटन का निर्देश दिया गया था.

ये भी देखे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news