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नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) रोजाना नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है. आज 24 घंटे में भारत में कोरोना के रिकॉर्ड 1 लाख 84 हजार 372 नए मामले सामने आए. 5 अप्रैल को 24 घंटे में 1 लाख से ज्यादा केसों का आंकड़ा छूने के बाद बीते 8 दिनों से भारत में रोजाना कोरोना के 1 लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं. कोरोना के इस भयंकर प्रकोप से भारतीयों को बचाने के लिए भारत सरकार ने विदेशी वैक्सीनों को भारत में लाने के नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर Covid-19 (NEGVAC) के अहम प्रस्ताव को मंजूरी दी.
नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर Covid-19 (NEGVAC) ने कल (मंगलवार) प्रस्ताव दिया था कि विदेशों में निर्मित कोरोना वैक्सीन, जिनको अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन, जापान या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है, उनका भारत में आयात किया जाए. इस फैसले को भारत में 16 जनवरी से चल रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी लाने की दिशा में अहम माना गया था. भारत सरकार के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि भारत में जल्द ही फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन & जॉनसन की वैक्सीन के लिए दरवाजे खुल जाएंगे.
हालांकि पिछले कई महीनों से pfizer वैक्सीन की स्टोरेज को लेकर भारत में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. चूंकि फाइजर की वैक्सीन को स्टोर करने के लिए -70℃ का तापमान चाहिए होता है और भारत के अधिकांश अस्पतालों में जहां वैक्सीनेशन का काम होता है, वहां कोल्ड स्टोरेज में 2-8℃ पर ही वैक्सीन को रखने की सुविधा मौजूद है. ऐसे में भारत जैसे देश में फाइजर के रखरखाव को लेकर समय-समय पर कई सवाल उठाए भी गए और अभी भी जारी हैं.
खास बॉक्स करेगा काम
फाइजर (pfizer) की वैक्सीन को भारत में स्टोर करना कितना मुमकिन है इसका जवाब खुद फाइजर कंपनी की फैक्ट शीट ने दे दिया है. नवंबर 2020 की फाइजर वैक्सीन की फैक्ट शीट के मुताबिक वैक्सीन को डिलीवर करते समय कंपनी वैक्सीन को एक खास तरह के थर्मल बॉक्स में रख कर देती है जिसका तापमान कंट्रोल किया जा सकता है. इस थर्मल बॉक्स में वैक्सीन को -70℃ तापमान पर रखा जाता है. इस बॉक्स में तापमान को मापने वाली डिवाइस होती है जो हर समय बॉक्स का तापमान बताती रहती है.
ऐसे करेगा काम
इस थर्मल बॉक्स में वैक्सीन के अलावा बर्फ होती है जिससे तापमान -70℃ पर बना रहता है. फाइजर की फैक्ट शीट के मुताबिक अगर इस बॉक्स में रखी बर्फ को हर पांचवें दिन बदला जाए तो 30 दिनों तक इस बॉक्स में वैक्सीन आराम से बिना खराब हुए रह सकती है. हालांकि शर्त होगी कि वैक्सीन को खोला न जाए. फाइजर वैक्सीन की फैक्ट शीट में आगे बहुत ही महत्वपूर्ण बात लिखी हुई है. वैक्सीन की फैक्ट शीट में लिखा है इन 30 दिनों के भीतर अगर इस वैक्सीन को वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचा दिया जाता है तो वहां पर आसानी से उपलब्ध 2-8℃ तापमान पर इसे 5 दिनों तक रखा जा सकता है और लोगों को लगाई जा सकती है.
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वर्षों से है ये सुविधा
वैक्सीन के खुलने के बाद इसे भारत के लगभग हर अस्पताल में मौजूद 2-8℃ तापमान पर रखा तो जा सकता है लेकिन सिर्फ 5 दिनों के लिए. इन्हीं 5 दिनों में मिली वैक्सीन की सभी डोज अगर जरूरतमंदों के लगा दी जाए तो वैक्सीन खराब नहीं होगी. अभी भारत में जिन तीनों वैक्सीन को मंजूरी मिली है उन्हें 2-8℃ तापमान पर ही रखने की जरूरत है और इस तरह के कोल्ड स्टोरेज की सुविधा भारत के पास वर्षों से है.
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स्वास्थ सचिव का आश्वासन
हालांकि फाइजर की वैक्सीन को -70℃ जैसे तापमान पर रखने को चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है लेकिन 10 नवंबर 2020 को भारत के स्वास्थ सचिव भी आश्वासन दे चुके हैं कि अगर फाइजर की वैक्सीन भारत आती है तो उसके लिए जरूरी कूलिंग कैपेसिटी के लिए जो भी कदम उठाने होंगे वो भारत सरकार उठाएगी. ऐसे में स्वास्थ सचिव के आश्वासन और फाइजर की फैक्ट शीट से यह साफ हो जाता है कि विश्व के कई देशों की तरह भारत में भी फाइजर की वैक्सीन आराम से स्टोर हो सकती है और लोगों के लग सकती है. जरूरत है तो बस थोड़ी सी सतर्कता और रफ्तार से वैक्सीनेशन की.
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