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कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि केवल पश्चिम बंगाल ही लड़ कर देश को इन दिनों व्याप्त ‘असहिष्णुता’ और ‘विभाजनकारी’ राजनीति से बचा सकता है और इस राज्य को भाजपा की धमकी तथा उसके भय से चुप नहीं कराया जा सकता. बौद्ध धर्म के एक कार्यक्रम के संबोधन के दौरान ममता ने कहा कि 'सभी धर्मों को शांति बनाकर रखना चाहिए, न तलवार लेकर डारना चाहिए. शर्म की बात है कि मैं इस धरती पर पैदा हुई.'
Sab religions ko mil kar shanti banakar rakhna chahiye,na ki talwaar lekar darana.Sharam ki baat hai ki main iss dharti par paida hui:WB CM pic.twitter.com/F9Njwbwv1e
— ANI (@ANI_news) May 11, 2017
ममता ने यहां बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित एक बैठक में कहा ‘भय और धमकी की तिकड़म से मुझे चुप नहीं कराया जा सकता. बिहार, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्य भले ही चुप रहें लेकिन बंगाल अपनी लड़ाई और विरोध नहीं रोकेगा चाहे जो भी हालात हों. केवल पश्चिम बंगाल ही इस सांप्रदायिक राजनीति तथा असहिष्णुता से लड़ सकता है और देश को बचा सकता है.’
खुद को जेल में डालने की चुनौती भाजपा को देते हुए ममता ने कहा कि वह उनके (भाजपा के) खिलाफ लगातार लड़ती रहेंगी और यहां तक कि जेल भी जाएंगी. उन्होंने कहा कि वह अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगी और आखिर तक विरोध करेंगी.
गुजरात में वर्ष 2002 में हुए गोधरा दंगों का परोक्ष संदर्भ देते हुए ममता ने कहा ‘कसाई घर में कसाई पैदा होते हैं, दार्शनिक नहीं.’ ममता ने कहा ‘‘मैं राजनीति में हूं लेकिन इससे मुझे यह तानाशाही का अधिकार नहीं मिल जाता कि दूसरे क्या खाएं और क्या नहीं. यह असली धर्म नहीं है. धर्म हमें न तो खुद पर राजनीति करना सिखाता है और न ही लोगों को मारना. धर्म का मतलब आस्था, शांति, प्रेम और भाईचारा होता है.’’ गौमांस और गौवध पर राजनीति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि भय और धमकी उन्हें असहिष्णुता के खिलाफ चुप नहीं करा सकते.
ममता ने खुद को ‘किन्नर’ कहे जाने के लिए भाजपा की राज्य इकाई के नेतृत्व की आलोचना भी की. उन्होंने कहा ‘मुझे किन्नर कहा गया. मैं न्याय चाहती हूं. यह शर्मनाक है. मैं बुरी हो सकती हूं लेकिन मुझे सम्मानजनक जीवन जीने का हक है. मैं लोगों से न्याय मांगती हूं.’भाजपा की पश्चिम बंगाल समिति के सदस्य श्यामपद मण्डल ने 30 अप्रैल को वेस्ट मिदनापुर जिले के चंद्रकोना में पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए ममता को ‘किन्नर’ कहा था और उन पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था.