डॉक्टरों को नक्सली बनने की सलाह देने के बयान पर विवादों में आए केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बचाव किया है.
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नई दिल्ली: डॉक्टरों को नक्सली बनने की सलाह देने के बयान पर विवादों में आए केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर का मंगलवार (26 दिसंबर) को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बचाव किया है. आईएमए ने इस विवाद के लिए मीडिया को जिम्मेदार बताया और कहा कि केंद्रीय मंत्री के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया. आईएमए ने कहा, 'हम सभी के लिए मि. हंसराज अहीर बेहद सम्मानीय हैं, उनके शब्दों को तोड़मरोड़ कर पेश करने के लिए मीडिया की निंदा करते हैं. उन्होंने सामान्य तौर पर डॉक्टर्स कम्यूनिटी के खिलाफ कुछ गलत नहीं कहा. वे विशेष तौर पर सिविल सर्जन के लिए बयान दे रहे थे जो कि उस दिन अस्पताल से गैरहाजिर थे.'
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में डॉक्टरों की छुट्टी पर नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने उन्हें नक्सली बनने की सलाह दे डाली थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर डॉक्टर लोकतंत्र में यकीन नहीं रखते हैं तो उन्हें नक्सली बन जाना चाहिए और फिर हम उन्हें गोली मार देंगे. हंसराज अहीर ने सोमवार (25 दिसंबर) को महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर कहा, 'मैं लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया मंत्री हूं, यह जानने के बावजूद कि मैं यहां आ रहा हूं डॉक्टरों ने क्यों छुट्टी ले ली. अगर वह लोकतंत्र में आस्था नहीं रखते हैं तो उन्हें नक्सलियों के साथ चले जाना चाहिए, ताकि हम उन्हें गोली मार सकें.'
बांग्लादेश को बताया था भारत के लिए खतरा
केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. हंसराज अहीर ने कहा था, पाकिस्तान के अलावा भारत का ‘तथाकथित दोस्त’ बांग्लादेश भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. एसोचैम द्वारा आयोजित आंतरिक सुरक्षा पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, 'बांग्लादेश महज तथाकथित दोस्त है क्योंकि साफ तौर पर उसने घुसपैठ के जरिए भारत को बहुत नुकसान पहुंचाया है.'