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नई दिल्ली: उम्मीदों को सूटकेस में भरकर मूक बधिर 13 खिलाड़ियों का ये दल भारत के लिए कुश्ती (Wrestling) में मेडल लाने के इरादे से निकला था. जो दिल्ली के एयरपोर्ट से टर्की के इस्तानबुल एयरपोर्ट (Istanbul Airport, Turkey) की उड़ान भरने से महरुम रह गया. टर्की की सरकार के नए नियम के मुताबिक 1 जुलाई से भारत, नेपाल, श्रीलंका, ब्राजील और साउथ अफ्रीका से आने वाली उडानें रद्द कर दी गई हैं. वहीं अगर दूसरे देश से होकर भारत से कोई आता है तो उसे 14 दिन के लिए क्वारंटीन करना होगा.
अब इसी नए नियम के पेंच में फंस गए हैं ये खिलाड़ी. इन खिलाड़ियों को टर्की में होने वाली DEAF AND MUTE WORLD WRESTLING चैंपियनशिप में हिस्सा लेना था. कुश्ती की ये प्रतियोगिता टर्की में 2 से 8 जुलाई तक होनी है. यानी नए नियम के तहत खिलाड़ी वहां किसी तरह पहुंच भी गए तो खेल नहीं पाएंगे.
ये वो ग्रुप है जिसमें मूक बधिर कुश्ती के अंतर्राष्ट्रीय अखाड़ों में देश को गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल दिलाने वाले इस वर्ष के पद्म पुरस्कार विजेता वीरेंद्र सिंह (Virendra Singh) भी शामिल हैं. इन्हें दुनिया गूंगा पहलवान के नाम से जानती है. वीरेंद्र ने ट्वीट करके खेल मंत्री किरण रिजीजू से मामले में दखल देने को कहा है.
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स्पोर्टस अथारिटी (Sports Authority) के तहत आने वाली डेफ सोसायटी (Deaf Society) ने 15 दिन पहले ही टर्की की स्पोर्टस अथॉरिटी को चिट्ठी लिखकर ये कहा था कि खिलाड़ियों को क्वारंटीन से राहत दी जाए. लेकिन उन्होंने आखिरी वक्त तक मामले को लटकाए रखा. कल रात टर्की ने ऐन वक्त पर क्वारंटीन (Quarantine) की शर्त रख दी. इस वजह से भारतीय पहलवानों की पूरी टीम 1 जुलाई की रात दिल्ली एयरपोर्ट तक तो पहुंची, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा. हालांकि अभी भी ये कोशिशें की जा रही हैं कि ये टीम टर्की जाकर मेडल के सपने पूरे कर पाए.
इस मुकाबले में टर्की के अलावा भारत बड़ा दावेदार माना जाता है. खिलाड़ी के लिए खेल के मैदान से बड़ा कुछ नहीं होता. ये लोग बोल नहीं सकते लेकिन जी न्यूज़ इनकी जुबां बना है. हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में दखल देकर भारत के सपनों को पूरा करे.
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