भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर बीजेपी ने लिया ‘यू-टर्न’ : दिग्विजय सिंह
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भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर बीजेपी ने लिया ‘यू-टर्न’ : दिग्विजय सिंह

केंद्र सरकार की अगुवा भाजपा पर भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार के विषय में ‘यू.टर्न’ लेने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने  कहा कि मई 2014 से सत्ता में आने के बाद भाजपा ने कई मुद्दों पर अपने पुराने रख से पलटी मारी है।

इंदौर : केंद्र सरकार की अगुवा भाजपा पर भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार के विषय में ‘यू.टर्न’ लेने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने  कहा कि मई 2014 से सत्ता में आने के बाद भाजपा ने कई मुद्दों पर अपने पुराने रख से पलटी मारी है।

दिग्विजय ने इंदौर प्रेस क्लब में कहा, ‘कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा नेताओं ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार से जुड़े विधेयक को भारतीय हितों के विपरीत बताया था। भाजपा के सुझावों के मुताबिक इस विधेयक के उपबंधों में संशोधन भी किया गया था। इसके बावजूद भाजपा ने इस विधेयक का विरोध किया और यूपीए सरकार को गिराने का पूरा प्रयास किया था।’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अब भाजपा के बहुमत वाली मौजूदा केंद्र सरकार ने परमाणु करार के जवाबदेही से जुड़े उसी उपबंध को लागू करने के लिये अमेरिका के साथ सहमति बना ली है, जिस उपबंध को पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने भाजपा के सुझाव पर ही शिथिल किया था।’ दिग्विजय ने कहा, ‘मौजूदा केन्द्र सरकार ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि उसने भारत.अमेरिका असैन्य परमाणु करार के जवाबदेही से जुड़े उपबंध में क्या परिवर्तन किया है, जिससे हमें सुरक्षित परमाणु तकनीकी मिल सके। यह भी स्पष्ट नहीं है कि इस मसले पर भारत की अमेरिका से क्या बातचीत हुई है। इस सिलसिले में खुलासा किया जाना चाहिये।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में कांग्रेस केन्द्र सरकार से यह अपेक्षा रखती है कि वह भारत.अमेरिका असैन्य परमाणु करार के जवाबदेही से जुड़े उपबंध को लागू करने के मामले में भारतीय संप्रभुता और हितों का पूरा ध्यान रखे।

कांग्रेस महासचिव ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मई 2014 से केंद्र की सत्ता की अगुवा की भूमिका में आने के बाद भाजपा लगातार पलटी मार रही है। यूपीए के कार्यकाल के दौरान भाजपा ने आधार कार्ड योजना और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना जैसे सरकारी कार्यक्रमों का विरोध किया। अब भाजपा की अगुवाई वाली मौजूदा केंद्र सरकार इन्हीं योजनाओं को लागू कर श्रेय लूटना चाहती है।’ दिग्विजय ने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने का चुनावी वादा भी पूरा नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले महीनों में कच्चे तेल की कीमत काफी कम होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में अपेक्षित गिरावट नहीं आयी है और सरकार आम ग्राहकों को राहत देने के बजाय इन ईंधनों पर करों की दरें बढ़ाकर अपना खजाना भर रही है।

दिग्विजय ने यह दावा भी किया कि ‘मेक इन इंडिया’ की महत्वाकांक्षी परिकल्पना को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की नीतियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा में बुनियादी विरोधाभास है।

उन्होंने कहा, ‘मोदी मेक इन इंडिया की परिकल्पना के जरिये विदेशी कम्पनियों को भारत में उत्पादन इकाइयां लगाने का न्यौता दे रहे हैं, जबकि संघ परिवार से जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच कहता है कि विदेशी कम्पनियां भारत में अपने उत्पाद न बेचें।’ दिग्विजय ने आरोप लगाया कि भाजपा ने विकास के मुद्दे पर पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उसके केंद्र की सत्ता में आने के बाद संघ परिवार के संगठनों द्वारा हिंदू राष्ट्र, धर्मांतरण, घर वापसी, लव जेहाद और नाथूराम गोड़से के मंदिर बनाने के मुद्दे उठाये जा रहे हैं और इन मुद्दों की आड़ में ‘घोर सांप्रदायिक राजनीति’ की जा रही है।

 

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