आईएसआई ऐसे सभी आवाज को भी दबाने की कोशिश कर रही है, जिससे कश्मीर में अमन-चैन का माहौल बनाया जा सके.
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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में भारत सरकार के संघर्षविराम से पाकिस्तान डरा हुआ है और इसी वजह से वह अपनी एजेंसी आईएसआई के जरिए कश्मीर में आतंक का माहौल पैदा कर रहा है. भारत की खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है. दरअसल रमजान का महीना शुरू होते ही भारत ने संघर्षविराम की घोषणा की थी, जिसमें साफतौर पर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि वे घाटी में शांति का महौल चाहते हैं, लेकिन शायद भारत का यह रवैया दुश्मनों को रास नहीं आया और रह-रहकर कश्मीर में सुरक्षाबलों और नागरिकों की हत्या होना जारी है.
भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में अपनी पकड़ को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई ढीला नहीं करना चाहती और इसी वजह से वह भारत के शांति के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देने में लगी है. भारतीय सेना के जवान औरंगजेब की हत्या इसी साजिश के तहत आईएसआई ने की और जिस तरीके से बीते गुरुवार (14 जून) को औरंगजेब की हत्या की गई उसके पीछे भी यही मकसद था कि लोगों को... खास तौर पर युवाओं को डराया जाए, ताकि वे सेना में शामिल ना हों.
वास्तव में आईएसआई ऐसे सभी आवाज को भी दबाने की कोशिश कर रही है, जिससे कश्मीर में अमन-चैन का माहौल बनाया जा सके. हालांकि सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर में संघर्षविराम को और बढ़ाने के मूड में बिल्कुल नहीं है और चाहती है कि आतंकियों के खिलाफ एक बार फिर से बड़े ऑपरेशन लॉन्च किए जाएं.
अपहृत सैनिक का गोलियों से छलनी शव मिला
सेना के एक जवान औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव गुरुवार (14 जून) को पुलवामा से बरामद हुआ था. गुरुवार को दिन में ही आतंकवादियों ने ईद मनाने घर जा रहे सैनिक का अपहरण कर लिया था. पुलिस ने बताया कि कंपनी कमांडर के करीबी औरंगजेब ईद मनाने के लिए गुरुवार सुबह अपने घर राजौरी जा रहे थे कि उसी दौरान पुलवामा के कालम्पोरा से आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया.
पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला. उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान हैं. उन्होंने बताया कि 4 जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के औरंगजेब फिलहाल शोपियां के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. अधिकारियों ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे यूनिट के सैनिकों ने एक कार को रोककर चालक से औरंगजेब को शोपियां तक छोड़ने को कहा. आतंकवादियों ने उस वाहन को कालम्पोरा में रोका और जवान का अपहरण कर लिया.