कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल भारत का भरोसेमंद साथी साबित हुआ और इस युद्ध के दौरान उसने भारत को जरूरी सैन्य सामग्रियों की आपूर्ति की. भारत के पास लड़ाई के लिए मोर्टार, गोलाबारूद और अपने लड़ाकू विमानों के लिए लेजर गाइडेड मिसाइलों की जरूरत थी. इजरायल ने इन सभी सैन्य सामग्रियों की आपूर्ति बिना समय गंवाए की. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कहा जाता है कि इजरायल के ऊपर कई देशों को दबाव भी था कि वह कारगिल युद्ध में भारत की मदद न करे लेकिन इजरायल इन दबावों के बावजूद भारत की मदद करना जारी रखा.
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नई दिल्ली : कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल भारत का भरोसेमंद साथी साबित हुआ और इस युद्ध के दौरान उसने भारत को जरूरी सैन्य सामग्रियों की आपूर्ति की. भारत के पास लड़ाई के लिए मोर्टार, गोलाबारूद और अपने लड़ाकू विमानों के लिए लेजर गाइडेड मिसाइलों की जरूरत थी. इजरायल ने इन सभी सैन्य सामग्रियों की आपूर्ति बिना समय गंवाए की. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कहा जाता है कि इजरायल के ऊपर कई देशों को दबाव भी था कि वह कारगिल युद्ध में भारत की मदद न करे लेकिन इजरायल इन दबावों के बावजूद भारत की मदद करना जारी रखा.
कारगिल युद्ध ने बदले दोनों देशों के रिश्ते
कह सकते हैं कि कारगिल युद्ध ने दोनों देशों के बीच के रिश्ते और अहमियत बदल दिए. इस युद्ध ने इजरायल को भारत का करीबी मित्र बना दिया और इसके बाद दोनों देशों रिश्ते परवान चढ़ते गए. इजरायल आज भारत को रक्षा समेत कई क्षेत्रों के लिए आधुनिक तकनीक दे रहा है.
करगिल की चोटियों पर पाकिस्तानी सेना द्वारा जेहादी घुसपैठियों की शक्ल में भेजे गए पाकिस्तानी सैनिकों ने बर्फीले मौसम का फायदा उठाकर अपना डेरा जमा लिया था और वहां से वे भारतीय सैनिकों को निशाना बना रहे थे. इन चोटियों पर बैठे पाकिस्तानी सैन्य घुसपैठियों को तुरंत बेदखल करने का एक ही रास्ता था कि उन्हें हवाई हमलों से तहस-नहस किया जाए. लेकिन भारतीय लड़ाकू विमानों में सटीक निशाना लगाने वाली शस्त्र प्रणालियां नहीं थीं.
इजरायल की लेजर गाइडेड मिसाइल से भागे पाकिस्तानी सैनिक
ऐसे ही संकट के वक्त इजरायल से लेजर डेजिगनेटर पाड आए और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों में इन्हें तैनात किया गया. इसके बाद तो पाकिस्तानी सेना के होश ही उडऩे लगे. करगिल की चोटियों पर एक-एक कर सभी पाकिस्तानी बंकर ध्वस्त होने लगे और पाकिस्तानी सेना पीछे लौटने को मजबूर हुई. इजरायल ने इंडियन आर्मी को सर्विलांस और बॉम्बिंग के लिए जरूरी सामान दिया. इसकी मदद से सेना ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों से एलओसी के उस तरफ बैठे दुश्मन को चारों खाने चित्त कर दिया.
रिपोर्टों की मानें तो कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना का ऑपरेशन सफेद सागर भी सफल नहीं हो पाता अगर इजरायली लेजर गाइडेड मिसाइल न हासिल हो पातीं. एयरफोर्स के फाइटर जेट्स ने इन्हीं लेजर गाइडेड बमों को पाकिस्तानी आतंकियों पर गिराया. अपने ड्रोन के लिए मशहूर इजरायल ने हेरॉन और सर्चर ड्रोन मुहैया कराया और इसकी वजह से सेना को पाकिस्तान के आतंकियों का पता लगाने में मदद मिली.