चुनाव आयोग ने जेडीयू के बागी नेता शरद यादव को एक बड़ा झटका देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू को असली पार्टी बताया.
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जनता दल युनाइटेड (जदयू) के बागी नेता शरद यादव को एक बड़ा झटका देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू को असली पार्टी बताया और पार्टी के चुनाव चिह्न् 'तीर' का प्रयोग करने की इजाजत दी. अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा, "नीतीश कुमार की अगुवाई वाली प्रतिवादी समूह को विधायिका इकाई और पार्टी के राष्ट्रीय परिषद में भारी बहुमत हासिल है जोकि पार्टी की संगठनात्मक इकाई का उच्चतम स्तर है."
चुनाव आयोग ने कहा, "चुनाव चिह्न आदेश के पैराग्राफ 15 के अनुसार नीतीश कुमार की अगुवाई वाला समूह को जनता दल युनाइटेड की मान्यता दी जाती है." आयोग के अनुसार, "इस तरह नीतीश कुमार की अगुवाई वाले समूह को बिहार में मान्यता प्राप्त पार्टी के तौर पर चुनाव चिह्न् 'तीर' के निशान का प्रयोग करने की इजाजत दी जाती है." मुख्यमंत्री और जनता दल-युनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रीय जनता दल का साथ छोड़ जुलाई में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी में अलग गुट बना लिया था.
यह फैसला गुजरात के जेडीयू विधायक छोटूभाई वसावा की याचिका पर आया है. वसावा शरद यादव गुट के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. बिहार में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव का साथ छोड़कर बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार और शरद यादव में मतभेद उभरे थे. बाद में विवाद गहराता गया. दोनों ओर से जमकर बयानबाजी भी हुई. शरद यादव ने बीजेपी का साथ लेने पर नाराजगी जताई थी और जेडीयू पर अपना दावा जताया था. बाद में विवाद चुनाव आयोग पहुंचा. शरद यादव ने 'तीर' चिह्न पर भी अपना दावा जताया. नीतीश कैंप ने भी अपनी ओर से जवाबी याचिका आयोग में लगाई थी. चुनाव आयोग का फैसला ऐसे समय आया है जब गुजरात में नीतीश गुट ने अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. वहीं, शरद यादव कांग्रेस से 7-8 सीटें मांग रहा है.