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इससे पहले खुलासा पार्ट-1 में हम आपको बता चुके हैं कि किस तरह गुपचुप तरीके से साउथ अफ्रीका के चर्चित गुप्ता ब्रदर्स मुरारी लाल जालान के साथ मिलकर भारत की जेट एयरवेज को खरीदने की तैयारी में हैं. यहां क्लिक कर पढ़ें खुलासा पार्ट-1
खुलासा पार्ट-2 में हमने आपको बताया कि गुप्ता ब्रदर्स और मुरारी लाल जालान के बीच कैसे पारिवारिक और व्यवसायिक संबंध हैं. ये वही गुप्ता ब्रदर्स हैं जिनके खिलाफ साउथ अफ्रीका में भ्रष्टाचार, घूसखोरी के कई मामले चल रहे हैं और अमेरिका में उनके साथ किसी तरह की बिजनेस डील पर पाबंदी है. यहां क्लिक कर पढ़ें खुलासा पार्ट-2
आज पढ़िए इस स्टोरी का पार्ट-3
(अमित प्रकाश/ब्रजेश कुमार)
नई दिल्ली/मुंबई: भारत की जेट एयरवेज को खरीदने की कोशिश में पर्दे के पीछे से लगे साउथ अफ्रीका के गुप्ता ब्रदर्स हर हाल में ये डील कर लेना चाहते हैं. लेकिन सवाल ये है कि साउथ अफ्रीका में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद रातों रात अपना कारोबार समेट कर किसी और जगह ठिकाना तलाशने वाले गुप्ता ब्रदर्स अपने मिशन में सफल हो पाएंगे? आखिर वो क्या वजह थी कि अमेरिका में गुप्ता ब्रदर्स से किसी तरह की बिजनेस डील या एग्रीमेंट करने पर वहां की सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है.
Zee News के पास अमेरिकी सरकार का वो दस्तावेज मौजूद है जिसमें लिखा है कि वहां की कोई भी कंपनी या व्यक्ति सहारा ग्रुप ऑफ साउथ अफ्रीका के गुप्ता ब्रदर्स के साथ किसी तरह का व्यापार नहीं कर सकता है.
'साउथ अफ्रीका के सहारा ग्रुप के गुप्ता ब्रदर्स और भ्रष्टाचार' इस हेडिंग के साथ अक्टूबर 2019 में छपे अमेरिकी सरकार के US Department of The Treasury के आधिकारिक बयान की पूरी कॉपी Zee News के पास है.
US Department of The Treasury के Office of Foreign Assets Control (OFAC) ने साउथ अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स के भ्रष्टाचार के पूरे नेटवर्क को बताते हुए लिखा है कि अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता, भ्रष्टाचार, रिश्वरखोरी और गैरकानूनी तरीके से वहां के सरकारी ठेकों को हथियाने में शामिल रहे.
अमेरिका के दस्तावेज में ये भी लिखा है कि गुप्ता ब्रदर्स ने वहां के सरकारी फैसलों को प्रभावित करने का काम भी किया है. साउथ अफ्रीका के लोगों का पैसा इस्तेमाल करके गुप्ता ब्रदर्स ने राजनीतिक संरक्षण पाया और फिर उसका फायदा उठाया.
अमेरिकी दस्तावेज में सबसे बड़े भाई अजय गुप्ता के बारे में लिखा है कि वो उस संस्था और परिवार के मुखिया थे जो भ्रष्टाचार, सरकारी संपत्तियों का गबन, सरकारी ठेकों में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी में लिप्त था.
US Department of The Treasury के OFAC ने अतुल गुप्ता के बारे में लिखा है कि उनका कामकाज भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों से संपर्क बनाना था. आगे लिखा है कि अतुल गुप्ता ने भ्रष्टाचार में वित्तीय और तकनीकी तौर पर न केवल मदद की बल्कि उसके प्रायोजक भी रहे. सरकारी ठेकों में भ्रष्टाचार किया. सरकारी संपत्तियों का गबन किया और निजी लाभ के लिए संसाधनों का इस्तेमाल किया.
राजेश गुप्ता के बारे में भी कुछ ऐसा ही लिखा है. साथ ही ये भी लिखा है कि राजेश गुप्ता साउथ अफ्रीका के ताकतवर राजनेताओं के बेटों के साथ दोस्ती करते थे फिर उनका इस्तेमाल अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए करते थे.
अमेरिकी दस्तावेज में गुप्ता ब्रदर्स के अलावा उनके एक कारोबारी सहयोगी सलीम ईसा पर भी ऐसे ही आरोप लगे हैं.
इस रिपोर्ट के बाद अमेरिकी सरकार ने अपने देश के किसी भी हिस्से में इन तीनों भाइयों की मौजूद हर संपत्ति को ब्लॉक कर लिया है, और उसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है. यहां तक कि अमेरिका सहित दुनिया के किसी भी कोने में अमेरिकी कंपनी के साथ गुप्ता ब्रदर्स की बिजनेस डील या पार्टनरशिप पर पूरी तरह प्रतिबंध है.
अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट के आखिरी हिस्से में लिखा है कि भ्रष्टाचार और मानवाधिकार के उल्लंघन का ये मामला पूरे विश्व के पॉलिटिकल सिस्टम और साथ ही दुनिया की आर्थिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है.
अब सोचिए कि जिन गुप्ता ब्रदर्स को लेकर अमेरिका ने ऐसी पाबंदी लगाई है और जिसे वो पूरी दुनिया के लिए खतरा बता रहा है, वो गुप्ता ब्रदर्स भारत में छिपकर जेट एयरवेज को खरीदने की तैयारी कर चुके हैं.
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