सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में 2 महीने तक गोमांस की बिक्री पर पाबंदी हटाई
Advertisement
trendingNow1272130

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में 2 महीने तक गोमांस की बिक्री पर पाबंदी हटाई

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लागू करने संबंधी विवादास्पद आदेश को आज दो महीने के लिये निलंबित करते हुये जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि इस मसले पर दो परस्पर विरोधी आदेशों पर फैसले के लिये तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित की जाये। प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय की जम्मू पीठ का आठ सितंबर का आदेश दो महीने निलंबित रखा जाये। इसी आदेश के तहत उच्च न्यायालय ने रणबीर दंड संहिता के प्रावधानों के अनुरूप राज्य में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया था।

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लागू करने संबंधी विवादास्पद आदेश को आज दो महीने के लिये निलंबित करते हुये जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि इस मसले पर दो परस्पर विरोधी आदेशों पर फैसले के लिये तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित की जाये। प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय की जम्मू पीठ का आठ सितंबर का आदेश दो महीने निलंबित रखा जाये। इसी आदेश के तहत उच्च न्यायालय ने रणबीर दंड संहिता के प्रावधानों के अनुरूप राज्य में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया था।

पीठ ने उच्च न्यायालय की श्रीनगर पीठ के एक आदेश का भी हवाला दिया जिसमे रणबीर दंड संहिता के इस प्रावधान में संशोधन करने की राज्य को छूट दी गयी है। शीर्ष अदालत ने कहा, चूंकि उच्च न्यायालय की दो पीठों ने परस्पर विरोधी राय व्यक्त की है, हम मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करते हैं कि वे इस मसले पर दायर याचिकाओं पर फैसले के लिये तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करें।’ न्यायालय ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से कहा कि इस आदेश के बारे में उच्च न्यायालय को ‘तत्काल’ अवगत कराया जाये। न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दो याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करके फैसले के लिये गठित होने वाली वृहद पीठ के स्थान के बारे में निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र हैं।

शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही उच्च न्यायालय के दो परस्पर विरोधी आदेशों की वजह से राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका का निबटारा कर दिया। राज्य सरकार का कहना था कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति की स्थिति को बिगाड़ने के लये उच्च न्यायालय के इन आदेशों का ‘दुरूपयोग’ हो रहा है।

Trending news