त्रिपुरा: राजनीतिक पार्टी का प्रदर्शन कवर करने गए पत्रकार की हत्या, चाकू से किया गया था हमला
Advertisement
trendingNow1342527

त्रिपुरा: राजनीतिक पार्टी का प्रदर्शन कवर करने गए पत्रकार की हत्या, चाकू से किया गया था हमला

त्रिपुरा में इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के आंदोलन को कवर करने की गए टीवी पत्रकार की हत्या कर दी गई है.

पत्रकार Santanu Bhowmick ‘दिनरात’ न्यूज चैनल में काम करते थे. (तस्वीर साभार: फेसबुक वॉल से)

त्रिपुरा में इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के आंदोलन को कवर करने की गए टीवी पत्रकार की हत्या कर दी गई है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. बताया जा रहा है कि हत्या से पहले पत्रकार को अगवा किया गया था. पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि ने बताया कि ‘दिनरात’ न्यूज चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक मंडई में आईपीएफटी के सड़क जाम तथा आंदोलन को कवर रहे थे. उसी दौरान उन पर पीछे से हमला किया गया और उनका अपहरण कर लिया गया. उन्होंने कहा कि बाद में भौमिक का पता लगा और उनके शरीर पर चाकू से हमले के कई निशान थे. उन्हें तत्काल अगरतला मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया जहां डक्टरों ने उन्हें मृत लाया घोषित कर दिया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी ने उनकी हत्या की निंदा की. राज्य के सूचना मंत्री भानूलाल साहा अस्पताल गए.

  1. त्रिपुरा में रिपोर्टिंग करने गए पत्रकार की हत्या
  2. आईपीएफटी के आंदोलन के दौरान हुई वारदात
  3. हत्या के बाद पुलिस ने लागू की धारा 144

ये भी पढ़ें: गोलियों से भूनकर हुई थी इस पत्रकार की हत्या, CCTV फुटेज में हुआ नया खुलासा

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडई में स्थिति तनावपूर्ण है और क्षेत्र में पहले से ही धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है. वहां अतिरिक्त पुलिस बल भेजे जा रहे हैं.

पुलिस के मुताबिक 144 के आदेश के बावजूद इकट्ठी हुई भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इसी हंगामे के बीच शांतनु पर आईपीएफटी कार्यकर्ताओं ने हमला किया. सीपीआई (एम) का भी कहना है कि शांतनु पर आईपीएफटी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक त्रिपुरा में बीते मंगलवार को सीपीआई (एम) की आदिवासी विंग त्रिपुरा राजेर उपजाति गणमुक्ति परिषद (टीआरयूजीपी) के कार्यकर्ताओं पर राज्य की अलग-अलग जगहों पर हमले हुए हैं. इसके पीछे कथित तौर पर आईपीएफटी का हाथ बताया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि माकपा के जनजातीय प्रकोष्ठ गण मुक्ति परिषद के करीब 100 कार्यकर्ता अगरतला से करीब 40 किलोमीटर दूर खोवै जिले के छनखोला क्षेत्र में आईपीएफटी के साथ झड़प में घायल हो गए थे. इसके बाद इलाके में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी थी.
इनपुट: भाषा

 

ये भी देखे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news