Kapil Sibal का कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल! कहा- 'फिलहाल BJP का कोई सियासी विकल्प नहीं'
Advertisement
trendingNow1919728

Kapil Sibal का कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल! कहा- 'फिलहाल BJP का कोई सियासी विकल्प नहीं'

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने एक बार फिर पार्टी में व्यापक स्तर पर सुधार, बदलाव की जरूरत बताई है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (फाइल फोटो).

नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने एक बार फिर पार्टी में व्यापक सुधार की जरूरत बता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भाजपा (BJP) के सियासी विकल्प के तौर पर पेश करने का सुझाव देते हुए कहा, कांग्रेस को संगठन के सभी स्तरों पर व्यापक बदलाव लाना चाहिए जिससे यह नजर आए कि वह जड़ता की स्थिति में नहीं है.

'फिलहाल भाजपा का कोई सियासी विकल्प नहीं'

कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पार्टी में व्यापक बदलाव के लिये पत्र लिखने वाले G-23 नेताओं में शामिल थे. उन्होंने उम्मीद जताई कि Covid-19 महामारी के मद्देनजर हाल में टाले गए सांगठनिक चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे.
 पूर्व केंद्रीय मंत्री ने माना कि फिलहाल भाजपा का कोई मजबूत सियासी विकल्प नहीं है लेकिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शासन का नैतिक अधिकार खो दिया है और देश के मौजूदा रुख को देखते हुए कांग्रेस एक विकल्प पेश कर सकती है.

'समितियों के सुझाव पर हो अमल'

सिब्बल ने कहा कि चुनावों में हार की समीक्षा के लिये समितियां बनाना अच्छा है, लेकिन इन का तब तक कोई असर नहीं होगा जब तक उनके द्वारा सुझाए गए उपायों पर अमल नहीं किया जाता. असम में ऑल इंडिया युनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (ISF) के साथ पार्टी के गठबंधन को 'सुविचारित नहीं' बताते हुए सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस जनता को यह समझाने में विफल रही कि देश के लिये अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक संप्रदायवाद समान रूप से खतरनाक है. उन्होंने हाल के विधान सभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिये इसे एक कारण के तौर पर बताया.

जितिन, सिंधिया पर कही ये बात

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और अब जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) जैसे युवा नेताओं के भाजपा में जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'अनुभव व युवाओं के बीच संतुलन बनाने की तत्काल आवश्यकता है.' उन्होंने पूर्व में कहा था कि 'आया राम, गया राम' की राजनीति से अब यह 'प्रसाद की राजनीति' तक पहुंच गई है और पूछा कि क्या जितिन प्रसाद को भाजपा से प्रसाद मिलेगा. उन्होंने संकेत दिये कि नेता अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. सिब्बल ने कहा, 'फिलहाल, निश्चित रूप से एक मजबूत राजनीतिक विकल्प की जगह खाली है. ठीक इसी संदर्भ में, मैंने अपनी पार्टी में कुछ सुधार के सुझाव दिये थे जिससे देश के पास एक मजबूत व विश्वसनीय विपक्ष हो.'

'चुनावी रणनीति बनाने में सही लोग लगें'

कपिल सिब्बल ने कहा, 'लेकिन इसका क्या नतीजा निकलता है इस बारे में भविष्यवाणी के लिये मेरे पास कुछ नहीं है लेकिन मुझे विश्वास है, एक वक्त आएगा जब इस देश के लोग यह तय करेंगे कि उनके लिये क्या अच्छा है.' अनुभवी नेता ने कहा कि भारत को फिर से उठ खड़ी होने वाली कांग्रेस की जरूरत है और पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति बनाने के लिये सही लोगों को इसके लिये लगाने की जरूरत है जिससे वह सरकार की विफलता पर रणनीति तैयार कर सकें. उन्होंने कहा, 'हाल के विधान सभा चुनावों में गैर भाजपाई दलों की जीत ने भाजपा के अजेय न होने की बात दिखाई है और यह भी कहा कि मजबूत विपक्ष होने पर उसकी हार की गुंजाइश है.'

यह भी पढ़ें; कोरोना पर महीनों बाद बड़ी खबर, इस राज्‍य में पिछले 24 घंटे में कोई मौत नहीं

'कांग्रेस के पुनरुत्थान की जरूरत'

सिब्बल ने कहा, 'भारत को कांग्रेस के पुनरुत्थान की जरूरत है लेकिन उसके लिये पार्टी को यह दिखाना होगा कि वह सक्रिय, उपलब्ध और सजग है और अर्थपूर्ण रूप से भिड़ने के लिये तैयार है.' उन्होंने कहा, 'ऐसा होने के लिये हमें केंद्रीय और राज्य स्तर पर सांगठनिक स्तर पर व्यापक रूप से सुधार करने की जरूरत है जिससे यह दिखाया जा सके कि पार्टी अब भी एक ताकत है और जड़ता की स्थिति में नहीं है.' देश भर में उभरते नए राजनीतिक समीकरणों के बीच पार्टी के पुनरुत्थान की उम्मीद व्यक्त करते हुए सिब्बल ने कहा कि चुनावी तौर पर खराब प्रदर्शन के बावजूद देश का मौजूदा रुख पार्टी की अखिल भारतीय मौजूदगी को देखते हुए उसे एक व्यवहार्य विकल्प के तौर पर उभरने का अवसर देता है.

प्रशांत किशोर और शरद पवार की मीटिंग क्यों?

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दो दिन पहले मुंबई में NCP प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करने और तीसरे मोर्चे के उभरने की संभावनाओं के बीच सिब्बल ने कहा, 'महामारी से निपटने में मोदी सरकार की अयोग्यता और उसकी वजह से लोगों की नाराजगी को दिशा दिए जाने की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रहित में कांग्रेस को खुद वैकल्पिक रास्ता सुझाने की जिम्मेदारी लेनी होगी और मुझे विश्वास है कि हम इसमें सफल होंगे.' यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने 2014 के लोक सभा चुनावों में हार के बाद एंटनी समिति कि रिपोर्ट से कोई सबक लिया, सिब्बल ने कहा कि पार्टी इस बात पर जोर नहीं दे पाई कि सांप्रदायिकता के सभी रूप खतरनाक हैं. सिब्बल ने कहा, '2014 के लोक सभा चुनावों के ठीक बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई एंटनी सिमिति ने सही इंगित किया था कि धर्मनिर्पेक्षता बनाम सांप्रदायिकता के मुद्दे पर चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान हुआ, इसे अल्पसंख्यक समर्थक माना गया जिसकी वजह से भाजपा को खासा चुनावी फायदा हुआ.'

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news