बिजली कंपनी के मामले में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल एवं पी. चिदंबरम गुरुवार को अरविंद केजरीवाल नीत 'आप' सरकार के पक्ष में न्यायालय में पेश हुए.
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में बिजली वितरण कंपनियों से जुड़े एक मामले में अभिषेक सिंघवी, कपिल सिब्बल एवं पी. चिदंबरम जैसे कांग्रेस के दिग्ग्ज नेता वकील की भूमिका में एक दूसरे के खिलाफ कानूनी दांव पेच अपनाएंगे. न्यायमूर्ति एके सीकरी एवं न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ से सिंघवी ने मजाकिया ढंग से कहा कि वह बिजली वितरण कंपनी के लिए पेश होंगे. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘यदि श्री चिदंबरम दूसरे पक्ष से खड़े हो सकते हैं तो मैं भी किसी निजी कंपनी की ओर से खड़ा हो सकता हूं.’
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के प्रशासनिक एवं विधायी नियंत्रण से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही है. कोर्ट को उस मामले का निस्तारण करना है जिसमें दिल्ली सरकार ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग को इस बात का अधिकार देने का निर्णय किया है कि जमीनी स्तर पर बिजली आपूर्ति बाधित होने पर वह बिजली वितरण कंपनी पर जुर्माना लगा सकती है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 अगस्त, 2016 को बिजली कटौती के लिए विद्युत वितरण कंपनियों पर जुर्माना लगाने के आप सरकार के निर्णय को गैर कानूनी एवं असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल की सहमति नहीं ली गई. आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल एवं पी. चिदंबरम गुरुवार को अरविंद केजरीवाल नीत 'आप' सरकार के पक्ष में न्यायालय में पेश हुए थे.
सिब्बल ने कल सुप्रीम कोर्ट में 'आप' सरकार का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण एवं अन्य अधिकारों को लेकर 'आप' सरकार की ओर से दलीलें दीं.
कपिल सिब्बल के पुत्र एवं वरिष्ठ वकील अमित सिब्बल ने केजरीवाल एवं अन्य 'आप' नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा डाला था. किंतु हाल में 'आप' नेताओं के माफी मांगने के बाद उन्होंने यह मामला वापस ले लिया.
कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एके सीकरी एवं न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के समक्ष 'आप' सरकार की ओर से दलील देने की अगुवाई की. यह मामला इसलिए महत्व रखता है कि क्योंकि 'आप' सरकार एवं केन्द्र के बीच दिल्ली विधानसभा के विधायी मामलों को लेकर आपस में टकराव चल रहा है.
(इनपुट भाषा से)