Karnataka Election 2023: दक्षिण के किले पर कौन करेगा कब्जा? वादे और दावे के बाद अब नतीजे का दिन
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Karnataka Election 2023: दक्षिण के किले पर कौन करेगा कब्जा? वादे और दावे के बाद अब नतीजे का दिन

Karnataka Result: करीब पांच महीने के चुनावी शोर के बाद कर्नाटक ने 10 मई को अपने अगले पांच साल के भविष्य का फैसला कर लिया है. अगले पांच साल तक कौन से 224 विधायक प्रदेश को चलाएंगे. उसकी जानकारी भी अगले कुछ घंटों में सामने आ जाएगी.

Karnataka Election 2023: दक्षिण के किले पर कौन करेगा कब्जा? वादे और दावे के बाद अब नतीजे का दिन

Karnataka Election Result: करीब पांच महीने के चुनावी शोर के बाद कर्नाटक ने 10 मई को अपने अगले पांच साल के भविष्य का फैसला कर लिया है. अगले पांच साल तक कौन से 224 विधायक प्रदेश को चलाएंगे. उसकी जानकारी भी अगले कुछ घंटों में सामने आ जाएगी. लेकिन इससे पहले शुक्रवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में जबरदस्त हलचल रही. तमाम सर्वे एजेंसियों के एक्जिट पोल के बाद कांग्रेसी खेमा बेहद उत्साह में नज़र आया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर में चुनावी नतीजों से पहले कर्नाटक कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता इकट्ठा हुए.

हर पार्टी के अपने-अपने दावे

सभी नेताओं ने चुनावी नतीजों के बाद उत्पन्न होने वाले हालात को लेकर चर्चा की लेकिन सभी के चेहरे में नतीजों को लेकर आशंकाएं और असमंजस दोनों देखने को मिला. हालांकि कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने एक बार फिर कहा कि एक्जिट पोल के नतीजें जो भी हों, उनके अनुमान के मुताबिक कांग्रेस 150 सीटों तक पहुंच सकती है. 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने जो दावा किया वो उसे चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत से ही दोहराते रहे हैं. उन्होंने कई बार दावा किया है कि कांग्रेस इस बार एक बड़ी जीत की तरफ जा रही है. हलांकि ZEE NEWS और MATRIZE के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को बहुमत तो मिलता दिख रहा है लेकिन सीटों की संख्या बहुमत यानी 113 के इर्द गिर्द ही रहने का अंदेशा है. वहीं बीजेपी के सीटों की संख्या भी 79 से 94 के बीच रहने का अनुमान जताया गया है. एग्जिट पोल के इस आंकड़े से डीके शिवकुमार भले ही सहमत ना हों लेकिन कांग्रेस के अन्य नेता इस आंकड़े से भी संतुष्ट दिख रहे हैं. 

नतीजे कांग्रेस के लिए अब सिर्फ औपचारिता भर है. ऐसे में कांग्रेसी नेताओं ने कर्नाटक के नतीजों को और कांग्रेस की जीत के अनुमान को बीजेपी नहीं मोदी की हार से जोड़ने की रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है और ये रणनीति 2024 के चुनाव को देखते हुए अपनाई गई है. कांग्रेस नेताओं को लगता है कि कर्नाटक में अगर कांग्रेस जीतती है तो इस जीत के मोमेंटम को  2024 तक कायम रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कर्नाटक के नतीजों से पहले की कर्नाटक में बीजेपी की हार को मोदी की हार बताना शुरू कर दिया है. 

जयराम रमेश के इस बयान पर जवाब देने के बदले बीजेपी कर्नाटक में चुनावी जीत का दम भर रही है. बीजेपी नेताओं को इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि एक्जिट पोल के नतीजे क्या कह रहे हैं. बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि राज्य की सत्ता में हर बार होने वाले बदलाव की 38 साल पुरानी परंपरा तोड़ने में वो कामयाब रहेगी इसलिए प्रधानमंत्री मोदी से लेकर अमित शाह और योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. 

जयराम रमेश को कर्नाटक के चुनावी प्रचार में सिर्फ मोदी दिखें क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी के कैंपेन को लीड किया. लेकिन बीजेपी जानती है कि मोदी के होने से चुनाव कितना बदल सकता है और इसलिए बीजेपी लगातार कर्नाटक में एक्जिट पोल को नकारते हुए पूर्ण बहुमत का दावा कर रही है. 

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैं पहले से कह रहा हूं हंग असेंबली का कोई चांस नहीं है. हम लोग पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं. इसका मुझे पूरा भरोसा है. शुक्रवार जहां कर्नाटक की सियासत में अपने-अपने दावे को बढ़ चढ़ कर पेश करने का रहा तो शनिवार सियासी दलों को असलियत से साक्षात्कार करवाने वाला होगा क्योंकि EVM में कैद प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला आज होने वाला है. ऐसे में क्या बीजेपी 38 साल के इतिहास को बदल कर रख देगी या कांग्रेस 224 सीटों के कर्नाटक विधानसभा में बहुमत पा कर 2024 के चुनावी रण का आगाज करेगी. ये कुछ घंटों में तय हो जाएगा. 

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