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लखनऊ: उत्तर प्रदेश बीजेपी में इन दिनों हलचल है. 2022 विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में बीजेपी का चेहरा कौन होगा इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, हालांकि पार्टी स्पष्ट कर चुकी है कि UP में योगी ही चेहरा होंगे. इस बीच आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और आरएसएस के सह-सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल व कई बड़े संघ पदाधिकारी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे. इस घटनाक्रम के तमाम राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं. हालांकि केशव प्रसाद मौर्य ने संघ, बीजेपी और सरकार के 'आगमन' का कारण स्पष्ट कर दिया है.
केशव ने कहा है, आरएसएस के बड़े नेता व योगी आदित्यनाथ उनके आवास पर पहले से तय एक भोज कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. भोज कार्यक्रम उप मुख्यमंत्री मौर्य ने पिछली 22 मई को संपन्न हुए अपने पुत्र योगेश मौर्य के विवाह के उपलक्ष्य में दिया था. केशव मौर्य ने सोशल मीडिया के जरिए भी इस बाबत जानकारी दी है. लेकिन इस मुलाकात के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं और इसकी कई वजहें गिनाई जा रही हैं. यह दावा किया जा रहा है कि पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहने वाले मुख्यमंत्री पिछले साढ़े चार साल में मौर्य के सरकारी आवास पर पहली बार गये. योगी और केशव मौर्य के बीच कथित राजनीतिक मतभेद की खबरें भी समय-समय पर मीडिया की सुर्खियां बनती रही हैं.
मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह-सरकार्यवाह गोपाल, क्षेत्र प्रचारक अनिल और प्रांत प्रचारक कौशल के मंगलवार को उप मुख्यमंत्री मौर्य के आवास पर जाने को लेकर चर्चाओं को हवा मिली और इसे रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने के तौर पर भी देखा गया. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा विपक्ष को आने वाले चुनाव में कोई मौका देना नहीं चाहती है कि इस आयोजन से एकजुटता का संदेश देने की पहल की गई है. दरअसल, 2017 में जब उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव हुआ तब मौर्य भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. अचानक गोरक्षपीठ के महंत और गोरखपुर से पांच बार के सांसद आदित्यनाथ को भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री घोषित कर दिया और बाद में उनके विधायक दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता हुई.
इधर, पिछले एक माह से उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा हालांकि केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर विराम लगा दिया. लेकिन, पिछले बुधवार को बरेली में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि राज्य का आगामी विधान सभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा. इससे इतर उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को एटा में दावा किया कि पार्टी अगला विधान सभा चुनाव मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ेगी. इस बीच, रविवार को श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, 'चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ही मुख्यमंत्री तय करेगा.' इस बयान से संकेत मिला कि योगी से केशव खुश नहीं हैं. हालांकि मौर्य ने कभी योगी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की.
गौरतलब है कि सोमवार को मुख्यमंत्री के आवास पर भाजपा और आरएसएस के नेताओं संग भविष्य की योजनाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई और सूत्रों का कहना है कि केशव मौर्य के आवास पर मुख्यमंत्री के जाने का कार्यक्रम भी उसी बैठक में तय हुआ. सोमवार की बैठक में योगी के आवास पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल के अलावा दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डाक्टर दिनेश शर्मा भी शामिल हुए थे.
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इधर, मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में बीएल संतोष, राधा मोहन सिंह, स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल ने प्रदेश पदाधिकारियों और क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ एक बैठक की. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार की शाम ट्वीट किया, ‘भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश महामंत्रियों एवं क्षेत्रीय अध्यक्षों की बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष एवं प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ.'
(INPUT: भाषा)
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