प्रधानमंत्री ने कहा 'मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी मुझे आज भी प्रेरणा देती है. मुझे लगता है कि अगर एक हामिद कर सकता है, तो देश का प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता.
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (28 मई) को रसोई गैस कनेक्शन से संबंधित उज्ज्वला योजना के बारे में जब महिलाओं से बात कर रहे थे तो अचानक अपने बचपन की स्मृतियों का जिक्र करते हुए अपनी मां के रसोई में कष्टों के बारे में बताया. उसी कड़ी में उन्होंने महान लेखक मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी ईदगाह के एक प्रसंग के बारे में देश की महिलाओं को बताया. इस कहानी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे आज याद आ रहा है, शायद आप सभी में से जो माताएं-बहनें स्कूल गई होंगी, उन्होंने पढ़ी होगी, हमारे देश के बहुत बड़े विद्वान लेखक थे मुंशी प्रेमचंद, उनकी एक बहुत ही मशहूर कहानी है ईदगाह.'
'मुंशी प्रेमचंद ने यह कहानी साल 1933 में लिखी थी. और इस कहानी का मुख्य किरदार एक छोटा सा बालक हामिद था. वो मेले में मिठाई न खाकर अपनी दादी अमीना के लिए एक चिमटा ख़रीद लाता है. और वह यह चिमटा इसलिए खरीदता है ताकि खाना बनाते समय उसकी दादी के हाथ ना जल जाएं, उन्हें चोट न लग जाए.'
Here is why Premchand’s Idgah touched me deeply…and why it gives strength to our resolve of providing gas connections to every family. pic.twitter.com/HRQP29mN4J
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा 'मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी मुझे आज भी प्रेरणा देती है. मुझे लगता है कि अगर एक हामिद कर सकता है, तो देश का प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता. मुझे दुख है कि इतनी पुरानी सामाजिक चुनौती को देखने के लिए स्वतंत्रता बाद की सरकारों के पास वक़्त ही नहीं था. क्योंकि उन्हें बड़े-बड़े लोगों का काम करना था. गैस कनेक्शन उनकी प्राथमिकता में था ही नहीं.'
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने आज (सोमवार) उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाओं से वीडियो कांफ्रेस में बातचीत के दौरान कहा कि यह योजना गरीबों के बीच एलपीजी की उपलब्धता बढ़ाने को ध्यान में रखकर ही बनायी गई है. पिछले चार साल में उनकी सरकार 10 करोड़ नए गैस कनेक्शन दिए जबकि आजादी के बाद के छह दशकों में यह संख्या मात्र 13 करोड़ थी. उन्होंने कहा कि बचपन में उन्होंने भी अपनी मां को रसोई के चूल्हे में लकड़ी और गोबर के उपलों से उठने वाले धुंए से जूझते हुए देखा है. आने वाले भविष्य में वह स्वच्छ ईंधन को देश के 100% घरों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि पहले रसाईं की सुविधा गैस अमीर और प्रभावशाली लोगों को मिलती थी पर उनकी सरकार ने अब गरीबों को इसके केंद्र में रखा है.
वर्तमान में देश के प्रत्येक 100 परिवारों में से 81 के पास एलपीजी कनेक्शन है. ‘ उज्ज्वला योजना ’ ने गरीब , हाशिए पर रहने को मजबूर , दलित और आदिवासी समुदाय को मजबूती प्रदान की है. सामाजिक सशक्तिकरण में इस पहल की केंद्रीय भूमिका है. ’’ विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि जो लोग खुद को दलितों का नेता बताते हैं , उन्हें यह जानकर हैरानी हो सकती है कि उनकी सरकार ने 2014 से अब तक 1,200 पेट्रोल पंपों का आवंटन दलित परिवारों को किया गया जबकि पिछली संप्रग सरकार में 2010 से 2014 के बीच केवल 445 पेट्रोल पंपों का आवंटन ही ऐसे परिवारों को किया गया.
ठीक इसी प्रकार एलपीजी वितरक का लाइसेंस भी उनके कार्यकाल में 1,300 परिवारों को दिया गया है जबकि पहले के सालों में यह संख्या मात्र 900 थी. मोदी ने कहा कि अब 70 प्रतिशत गावों में शत प्रतिशत परिवारों में एलपीजी पहुंच चुकी है तथा 81 प्रतिशत गावों में 75 प्रतिशत से अधिक के पास यह सुविधा है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ ईंधन से भारत स्वस्थ हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में ‘ग्राम स्वराज योजना’ के तहत 11 लाख लोगों को एक ही दिन में गैस कनेक्शन दिए गए. महिला लाभार्थियों के साथ बातचीत में कश्मीर के अनंतनाग की एक महिला ने कहा , ‘‘यह रमजान का महीना है. हम रोजाना पवित्र कुरान का पाठ करते हैं. हम रोज आपके लिए दुआ करते हैं कि आप यूं ही देश के प्रधानमंत्री बने रहकर हमारी सेवा करें.’’
(इनपुट भाषा से भी)