आतंकी कॉल नहीं पकड़ पाएगा भारत? जानिए कौन सा मोबाइल इस्‍तेमाल कर रहे आतंकवादी
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आतंकी कॉल नहीं पकड़ पाएगा भारत? जानिए कौन सा मोबाइल इस्‍तेमाल कर रहे आतंकवादी

एनआईए की पकड़ में आए लश्‍कर आतंकी हमजा ने किया दावा. एलओसी के पार चल रहे सात आतंकी ट्रेनिंग कैंप

राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 20 वर्षीय हमजा को कुपवाड़ा जिले से पकड़ा था.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: लश्‍कर आतंकियों ने एक ऐसा मोबाइल फोन बनाया है जिसकी कॉल पकड़ (कॉल इंटरसेप्‍ट) पाना सुरक्षा एजेंसियों के बस के बाहर की बात हो रही है. मुंबई धमाकों के सूत्रधार हाफिज सईद के संगठन लश्‍कर की अल मुहम्‍मदिया स्‍टुडेंट्स इकाई ने यह मोबाइल हैंडसेट बनाया है. खुफिया एजेंसियों के हवाले से मीडिया में आई रिपोर्ट में यही दावा किया गया है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक यह मोबाइल लश्‍कर आतंकियों के आपस में बातचीत करने के लिए बनाया गया है. इसमें एक खास तरह की चिप लगाई जाती है जिससे यह आसपास के मोबाइल टॉवर से नेटवर्क लेने लगता है और टेलीकॉम ऑपरेटर को इसकी खबर तक नहीं होती. खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इन मोबाइल फोन से की गई कॉल को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां नहीं पकड़ सकतीं. अगर वह किसी तरह से कॉल पकड़ भी लेंगी तो वह तुरंत कट जाएगी. इसका खुलासा मुलतान में प्रशिक्षित लश्‍कर आतंकी जइबुल्‍ला उर्फ हमजा ने किया है. 

  1. लश्‍कर की अल मुहम्‍मदिया स्‍टुडेंट्स इकाई ने बनाया यह मोबाइल हैंडसेट
  2. खास चिप से यह आसपास के मोबाइल टॉवर से अपने आप नेटवर्क लेता है
  3. इन मोबाइल फोन से कॉल को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां नहीं पकड़ सकतीं

एनआईए ने अप्रैल में पकड़ा था हमजा को
राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 20 वर्षीय हमजा को 7 अप्रैल को जम्‍मू-कश्‍मीर के कुपवाड़ा जिले के जुडगियाल क्षेत्र से पकड़ा था. वह पाकिस्‍तान के एक आयकर अधिकारी की संतान है. पूछताछ में हमजा ने दावा किया कि लश्‍कर ने 2017 में 450 बच्‍चों को आतंकी प्रशिक्षण दिया. इन बच्‍चों को भारत विरोधी ऑपरेशन के लिए पाकिस्‍तान के विभिन्‍न इलाकों से चुना गया. इनमें से कुछ चयनित बच्‍चों को सघन सैन्‍य प्रशिक्षण दिया गया है. इनकी उम्र 15 से 25 साल के बीच है. लश्‍कर इन बच्‍चों को बुरहान वानी के नाम पर कट्टर बना रहा है.

7 प्रशिक्षण शिविर चल रहे एलओसी के पार
हमजा ने यह भी दावा किया कि लश्‍कर और इसके मुखिया संगठन जमात-उद-दावा पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के मुजफ्फराबाद के जंगल में गुप्‍त प्रशिक्षण शिविर चला रहे हैं. यहां वे फिदाईन तैयार कर रहे हैं. टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक इन 7 आतंकी शिविरों के नाम -मनशेरा में ताबुक शिविर, मुजफ्फराबाद में अक्‍सा मस्‍कर, मुरिडके में दौरा बैतूल रिजवान, मुजफ्फराबाद मुख्‍य शहर में खालिद बिन वलीद, केएफसी या कराची फुट सेंटर मुजफ्फराबाद में दक्‍खन और मस्‍कर खैबर है. इन शिविरों में शारीरिक प्रशिक्षण से लेकर हथियार चलाना तक सिखाया जा रहा है.

मार्च में भारत में हुई थी भारी घुसपैठ
हमजा ने बताया कि वह मार्च में भारत में घुसपैठ के जरिए आया और उसके साथ 5 अन्‍य आतंकी भी आए. 20 मार्च को मुठभेड़ के दौरान वह घायल हो गया था लेकिन फरार होने में सफल रहा था. उसे 15 दिन बाद पकड़ा गया था. उसने बताया कि उसके प्रशिक्षण के दौरान लश्‍कर का ऑपरेशनल कमांडर जकीउर रहमान लखवी दो माह तक उनके साथ प्रशिक्षण शिविर में रुका था. उसने आतंकियों को भारत पर हमले के लिए उकसाया था. हमजा ने कहा कि उसके पिता ने ही उसे आतंकी बनने के लिए प्रेरित किया और जेहादी फंड में 1000 रुपए डोनेट किया था.

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