गर्मजोशी से स्वागत के लिए पीएम मोदी ने स्विट्जरलैंड का सरकार का धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने कहा कि 1997 में पहली बार कोई भारतीय पीएम दावोस आए थे. उस समय कि स्थिति आज से अलग थी. उस समय ना तो कोई लादेन को जानता था, ना ही हैरी पॉटर को
Trending Photos
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के उद्धाटन समारोह को संबोधित करते हुए दुनिया की सामने तीन प्रमुख चुनौतियों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और देशों का आत्म केंद्रित होने को बड़ी समस्या बताया. पीएम ने अपना संबोधन हिंदी में किया. पीएम मोदी ने कहा कि WEF की 48 बैठक में शामिल होते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. गर्मजोशी से स्वागत के लिए पीएम मोदी ने स्विट्जरलैंड का सरकार का धन्यवाद दिया.
1997 में पहली बार जब भारतीय पीएम आए थे
पीएम मोदी ने कहा कि 1997 में पहली बार कोई भारतीय पीएम दावोस आए थे. उस समय कि स्थिति आज की स्थिति से अलग थी. उस समय ना तो कोई लादेन को जानता था, ना ही हैरी पॉटर को. उस समय ना तो गूगल का अवतार हुआ था ना ही एमेजॉन पोर्टल सामने आया था. उस जमाने में चिडि़या ट्वीट करती थी और आज मनुष्य ट्वीट करता है.पीएम मोदी ने कहा कि तकनीक को जोड़ने, तोड़ने और मोड़ने का उदाहरण सोशल मीडिया है.
डाटा नियंत्रण बना चुनौती
पीएम मोदी ने कहा कि आज डाटा पर नियंत्रण रखना सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसा लगता है कि जो डाटा पर नियंत्रण रखेगा वह वर्चस्व बनाए रखेगा.पीएम मोदी ने कहा कि परिवर्तन से ऐसी व्यवस्था भी पैदा हुई है जो दर्द भरी चोट पहुंचा सकती है.
हम 'वसुधैव कुटुंबकम' को मानने वाले
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए इस फोरम का विषय जितना समकालीन है उतना ही समयातीत भी है. क्योंकि भारत में अनादिकाल हम मानव को जोड़ने में विश्वास करते आए है. उसे तोड़ने या बांटने में नहीं. पीएम मोदी ने कहा कि हजारों साल पहले हमारे चिंतकों ने कहा है कि वसुधैव कुटुंबकम यानि पूरी दुनिया एक परिवार है. हमारी नियतियों में एक साझा सूत्र हमें जोड़ता है. यह धारा निश्चित तौर पर दरारों और दूरियों को मिटाने के लिए और भी सार्थक है. चिंता का विषय है कि हमारी दूरियों ने इन चुनौतियों और भी कठिन बना दिया है.
तीन प्रमुख चुनौतियां मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा
क्लाइमेट चेंज पहली चुनौती
पीएम मोदी ने कहा कि ग्लेशियर पीछे हटते जा रहे है. आकर्टिक की बर्फ पिघलती जा रही है. बहुत गर्मी, बेहद बारिश, बहुत ठंड. पीएम मोदी ने कहा कि आज मानव और प्रकृति की जंग क्यों है. दूसरे की संपत्ति का लालच क्यों है? हमें चुनौतियों के खिलाफ एकजुट होना होगा. भारत में शास्त्रों में कहा गया है कि हम सभी पृथ्वी की संतान है. अगर पृथ्वी हमारी माता है तो यह अतंर क्यों है. पीएम मोदी ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि वातावरण को बचाने के लिए भारत सरकार ने बहुत बड़ा लक्ष्य रखा है. 2022 तक भारत में 175 गीगावॉट रिन्युअल एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य है.
दूसरी बड़ी चुनौती है आतंकवाद
इस संबंध में भारत की चिंताओं और विश्वभर में इस गंभीर खतरे से दुनिया के सभी देश चिंतित है. मैं इससे जुड़े दो आयामों पर आपका ध्यान खींचना चाहता हूं. आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है अच्छा आतंकवाद और बुरा आतंकवाद का भेद करना. दूसरा है पढ़े लिखे युवाओं का आतंक के प्रति आकर्षित होना.
तीसरी चुनौती है आत्म केंद्रित होना
बहुत से देश आत्म केंद्रीत होते जा रहे है. ग्लोब्लाइजेशन अपने नाम के विपरीत सिकुड़ता जा रहा है. ग्लोब्लाइजेशन की चमक धीरे-धीरे कम होती जा रही है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद बने संगठनों की संरचना क्या आज के मानव की आकांक्षाओं को परिलिक्षित करते है? इन संस्थानों की पुरानी व्यवस्था और बहुताय विकासशील देशों के बीच बहुत बड़ी खाई है. ग्लाब्लाइजेशन के विपरीत प्रोटेक्शनिजम की ताकत बढ़ रही है. एक परिणाम यह है कि नए-नए प्रकार के टैरिफ देखने को मिल रहे है. द्विपक्षीय समझौते रुक गए. ट्रांस बोर्डर वित्तीय निवेश में कमी आई है. ग्लोबल सप्लाई चेन भी रुकती दिख रही है. इसका समाधान अलगाव में नहीं है. बदलते हुए समय के साथ चुस्त और नई नीतियों को बनाने में है उन्हें स्वीकार करने में है.
महात्मा गांधी को किया याद
पीएम मोदी ने कहा महात्मा गांधी की कही बात का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि गांधी जी ने कहा था कि मेरे घर की खिड़कियां बंद नहींं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज का भारत इसी विचार के साथ आगे बढ़ रहा है. भारत विश्व भर से जीवनदायिनी तरंगों का स्वागत कर रहा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र दरारों को पाटने की संजीवनी शक्ति है. समावेशी दर्शन भारत सरकार की हर योजना का आधार है.
हमारा रास्ता रिफोर्म, परफोर्म और ट्रांसफोर्म का
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में भारत में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. हमारा रास्ता है रिफोर्म, परफोर्म और ट्रांसफोर्म. हम जिस प्रकार से भारत की अर्थव्यवस्था को सुगम बना रहे हैं उसका कोई सानी नहीं है. इसी का उदाहरण है कि भारत से सभी तरह के काम करना बहुत आसान हो गया है. हमने लाइसेंस परमिट राज को जड़ से खत्म करने का प्रण लिया है. अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खुल गए है. केंद्र एवं राज्य सरकारों ने मिलकर सैंकड़ों रिफोर्म्स किए. हमने 1400 पुराने कानूनों को खत्म किया है. 70 साल के स्वतंत्र भारत के इतिहास में जीएसटी लागू किया. पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हम तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रहे है. हमारे प्रयासों का विश्वभर की बिजनेस कम्यूनिटी ने स्वागत किया है. सुधार के लिए दुनिया ने हमारे परिवर्तन को स्वीकार किया है.
भारत में हुए परिवर्तन का गीत गाने के लिए आया हूं
अब भारत के युवा 2025 में 5 मीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए सक्रिय है. वह जॉब सीकर नहीं जॉब गिवर बनेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हुए परिवर्तन का गीत गाने के लिए मैं आपके बीच आया हूं. पुरातन काल से भारत चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बिना स्वार्थ के केवल मानवता की रक्षा के लिए खड़ा है.
विश्व समुदाय को तीन बातों पर देना होगा ध्यान
भारत आने का दिया न्योता
पीएम मोदी ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के संबोधन में अंत में सभी देशों को भारत में आने का न्योता दिया. पीएम मोदी ने कहा कि अगर आप वेल्थ के साथ वेलनेस चाहते तो भारत में आइये, अगर आप हेल्थ के साथ जीवन की होल्नेस यानी समग्रता चाहते हैं तो भारत में आएं. अगर आप प्रॉसपेरिटी के साथ पीस चाहते हैं तो भारत में आएं.
इससे पहले दावोस में पीएम मोदी ने स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट और वर्ल्ड इकोनिक फोरम के चेयरमैन प्रोफेसर क्लाऊस श्वाब से मुलाकात की.
2000 कंपनियों के CEOs ले रहे हिस्सा
WEF की बड़ी बातें