अविश्वास प्रस्ताव: BJP पर हमलावर शिवसेना इस तरकीब से करेगी मोदी सरकार की मदद
Advertisement
trendingNow1381588

अविश्वास प्रस्ताव: BJP पर हमलावर शिवसेना इस तरकीब से करेगी मोदी सरकार की मदद

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव आने पर शिवसेना ने खुद को अलग कर लिया है. ज्यादातर मौकों पर बीजेपी पर हमलावर रहने वाली सहयोगी पार्टी शिवसेना ने साफ कर दिया है कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनकी पार्टी के सांसद लोकसभा में मौजूद नहीं रहेंगे.

शिवसेना सांसद अरविंद सावंत बोले- मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान तटस्थ रहेगी उनकी पार्टी. तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव आने पर शिवसेना ने खुद को अलग कर लिया है. ज्यादातर मौकों पर बीजेपी पर हमलावर रहने वाली सहयोगी पार्टी शिवसेना ने साफ कर दिया है कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनकी पार्टी के सांसद लोकसभा में मौजूद नहीं रहेंगे. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उनकी पार्टी की बीजेपी खिलाफ नाराजगी कायम है, लेकिन अविश्वसा प्रस्ताव के दौरान वह तटस्थ रहेगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा में जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, उस वक्त शिवसेना के 18 सांसद वहां मौजूद नहीं रहेंगे. राजनीति के जानकार मानते हैं कि शिवसेना के इस कदम से बीजेपी सरकार को तरह से मदद ही मिलेगी, क्योंकि संसद में सांसदों की मौजूदगी कम होने पर बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए कम सांसदों की जरूरत पड़ेगी. 

  1. TDP और YSR कांग्रेस ला सकती है लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव
  2. शिवसेना ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उसके सांसद लोकसभा से रहेंगे बाहर
  3. बीजेपी को समर्थन पर AIDMK ने भी साधी चुप्पी

मालूम हो शिवसेना बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी दल है. वह महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है. हालांकि अक्सर वह अपनी सहयोगी बीजेपी पर हमलावर रहती है. मालूम हो कि मौजूदा वक्त में बीजेपी के पास बहुमत से ज्यादा सांसद हैं. जहां तक एनडीए का सवाल है तो सांसदों का आंकड़ा 315 है.

ये भी पढ़ें: TDP के अलग होने के बाद भी खतरे में नहीं है NDA सरकार, जानिए 'पूरा गणित'... 

AIDMK ने भी BJP को समर्थन पर साधी चुप्पी
तमिलनाडु में सत्ताधारी AIDMK की ओर जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने अभी तय नहीं किया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव के वक्त बीजेपी का सपोर्ट करेंगे या नहीं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार बहुमत के आंकड़े को लेकर आश्वस्त है.

सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही टीडीपी के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा में टीडीपी सांसदों के हंगामे के चलते उसे बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: जानें क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, इससे कैसे गिर सकती है सरकार

टीडीपी सांसदों ने संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर सरकार के प्रति अपना विरोध जताते दिखे. इस विरोध में कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी भी शामिल दिखीं.

वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगुदेशम पार्टी ला सकती है अविश्वास प्रस्ताव
लोकसभा में सोमवार (19 मार्च) को वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं. वाईएसआर कांग्रेस के वाईवी सुब्बारेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस को सोमवार की कार्यवाहियों में सूचीबद्ध करने के लिए लिखा है. वहीं टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दे रखा है.

पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया.

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर BJP है बेफिक्र
लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने से ठीक पहले आंध्र प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के हरि बाबू (K Haribabu) ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि उन्हें जरा भी टेंशन नहीं है. हरि बाबू (K Haribabu) ने कहा, 'बीजेपी के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है, हम अविश्ववास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं. ये सभी पार्टियां मिलकर भी बीजेपी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे, हम आसानी से बहुमत साबित कर देंगे.'

हाल ही में टीडीपी ने बीजेपी से तोड़ा है नाता
विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि कल व्यवस्था बन पाएगी . बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही. केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इनकार के बाद सबसे पहले वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. मुद्दे पर बीजेपी की लंबे समय से सहयोगी रही तेदेपा ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लायी.

दोनों पार्टियां अपने- अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं. अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए. सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकारकर लिये जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा. लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या539 है और सत्तारूढ़ बीजेपी के274 सदस्य हैं. यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है.

Trending news