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नई दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ब्रिटेन का और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जापान का एजेंट बताए जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू के विवादास्पद बयान के खिलाफ लोकसभा भी निंदा प्रस्ताव पारित करेगी।
बुधवार को राज्यसभा में काटजू के खिलाफ निंदा प्रस्ताव अपनाए जाने के बाद गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को बताया कि आसन की ओर से प्रस्ताव लाया जाएगा। प्रश्नकाल के बाद कुछ सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर अध्यक्ष ने यह जानकारी दी।
सदस्यों द्वारा काटजू के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव लाए जाने की मांग को संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने उचित ठहराते हुए कहा कि पूर्व न्यायाधीश ने जो टिप्पणियां की हैं वे अपमानजनक हैं और सदन इसकी निंदा करता है। इससे पूर्व सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने भी निंदा प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग से सहमति जताई। राष्ट्रीय जनता दल के राजेश रंजन ने यह मामला उठाते हुए कहा कि काटजू ने महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के खिलाफ जो टिप्पणियां की हैं वे देश की मर्यादा के खिलाफ हैं और पूरा देश इससे आहत हुआ है। उन्होंने मांग की कि सदन को काटजू के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करना चाहिए। बीजद के भृतुहरि मेहताब ने इस मांग से सहमति जताई। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि निंदा प्रस्ताव पारित करने के साथ ही काटजू के खिलाफ नफरत फैलाने वाली टिप्पणी करने के लिए आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाना चाहिए।
अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल ने काटजू की टिप्पणी को बेहद आपत्तिजनक बताया और निंदा प्रस्ताव लाए जाने का समर्थन किया।