गर्भवती महिला ने मोदी को लिखी चिट्ठी, मैंने आपको वोट दिया है, 'तीन तलाक' से दिलाएं आजादी
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गर्भवती महिला ने मोदी को लिखी चिट्ठी, मैंने आपको वोट दिया है, 'तीन तलाक' से दिलाएं आजादी

'तीन तलाक' की पीड़ित शगुफ्ता शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस शैतानी इस्लामिक परंपरा को जल्द से जल्द खत्म करने को कहा है. लखनऊ की रहने वाली शगुफ्ता दो बच्चों की मां हैं. 

शगुफ्ता साह को उसके पति ने गर्भपात कराने लिए मजबूर किया. (एएनआई फोटो)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में थाना नानौता के अन्तर्गत तीन तलाक का दंश झेलने वाली महिला ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे खत्म करने के लिए कहा है. पुलिस ने महिला के पति, देवर व दो ननदोई के विरुद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

PM मोदी को लिखे खत में बयां किया दर्द

बुधवार को मिली रिपोर्ट के मुताबिक थाना नानौता के अन्तर्गत मोहल्ला कानूनगोयान निवासी शगुफ्ता नामक महिला ने प्रधामनंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि उसका निकाह पांच वर्ष पूर्व गंगोह के बुढ्ढाखेडा निवासी शमशाद के साथ हुआ था. शगुफ्ता ने दो बेटियों को जन्म दिया था जिससे उसके ससुराल वाले नाराज थे और अब तीन माह की गर्भवती होने पर उसके ससुराल वाले लड़की होने के डर के कारण गर्भ गिरवाना चाहते हैं.

पीड़िता शगुफ्ता ने पत्र में कहा है कि उसके पति ओर ससुरालियों ने उसके साथ मारपीट की और पति ने तीन बार तलाक तलाक तलाक कहकर उसे घर से निकाल दिया और उसके पेट पर लात मारकर उसका गर्भ गिराने का प्रयास किया.

'तीन तलाक' को खत्म करने का किया निवेदन

शगुफ्ता ने पति की बात मानने से इंकार करते हुए बच्चा गिराने से मना कर दिया. जिसके बाद उसके पति ने उसे बुरी तरह से पीटा और 'तीन तलाक' कहने के बाद सड़क किनारे मरने के लिए छोड़ दिया. मूल रूप से सहारनपुर रहने वाली महिला को पुलिस से थोड़ी मदद मिली और उसने फैसला किया कि इस मामले में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देने को कहेंगी. शगुफ्ता शाह ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर उनसे 'तीन तलाक' को खत्म करने का निवेदन किया है. मैंने उनको वोट दिया है और मैं आशा करती हूं कि अब मुझे न्याय मिलेगा.' शगुफ्ता ने बताया कि उसे इसकी प्रेरणा सहारनपुर की निवासी और मित्र अतिया साबरी से मिली.

उसने बाद में पत्र में लिखा, 'मिस्टर प्रधानमंत्री, यह मेरी विनती है कि कृपया इस गरीब और असहाय महिला की मदद करें. मैं आपसे यह भी निवेदन करती हूं कि आप इस बात को आश्वस्त करें कि 'तीन तलाक' जैसी शैतानी इस्लामिक परंपरा खत्म हो, ताकि मुझ जैसी और अन्य पीड़ितों को न्याय मिल सके और हम एक सम्मानित जीवन जी सकें.'

थाने में मामला दर्ज

पत्र में कहा गया है कि जब वह इस मामले की तहरीर लेकर थाना नानौता गई तो उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. पीड़िता ने प्रधानमंत्री से तीन तलाक को शीघ्र समाप्त करने की मांग की. बहरहाल बाद में पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. थाना नानौता पुलिस ने शगुफ्ता के पति शमशाद, देवर नौशाद और ननदोई जफर अली एवं इलियास के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली है.

एआईएमपीएलबी ने तीन तलाक को लेकर दायर याचिकाओं का किया विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि मुसलमानों में प्रचलित तीन तलाक, ‘निकाह हलाला’ और बहुविवाह की प्रथाओं को चुनौती देने वाली याचिकाएं विचारयोग्य नहीं हैं क्योंकि ये मुद्दे न्यायपालिका के दायरे में नहीं आते हैं. बोर्ड ने कहा कि इस्लामी कानून, जिसकी बुनियाद अनिवार्य तौर पर पवित्र कुरान एवं उस पर आधारित सूत्रों पर पड़ी है, की वैधता संविधान के खास प्रावधानों पर परखी नहीं जा सकती है. इनकी संवैधानिक व्याख्या जबतक अपरिहार्य न हो जाए, तबतक उसकी दिशा में आगे बढ़ने से न्यायिक संयम बरतने की जरूरत है.

उसने कहा कि याचिकाओं में उठाये गये मुद्दे विधायी दायरे में आते हैं, और चूंकि तलाक निजी प्रकृति का मुद्दा है अतएव उसे मौलिक अधिकारों के तहत लाकर लागू नहीं किया जा सकता. बोर्ड ने दावा किया कि याचिकाएं गलत समझ के चलते दायर की गयी हैं और यह चुनौती मुस्लिम पर्सनल कानून की गलत समझ पर आधारित है, संविधान हर धार्मिक वर्ग को धर्म के मामलों में अपनी चीजें खुद संभालने की इजाजत देता है.

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