मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने मंगलवार को प्रदेश विधानसभा में अपने ही दल भाजपा की सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि जनता की समस्याओं को लेकर वह अधिकारियों से बात करने के लिए फोन करते हैं, लेकिन कोई उनका फोन तक नहीं उठाता।
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भोपाल : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने मंगलवार को प्रदेश विधानसभा में अपने ही दल भाजपा की सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि जनता की समस्याओं को लेकर वह अधिकारियों से बात करने के लिए फोन करते हैं, लेकिन कोई उनका फोन तक नहीं उठाता।
प्रश्नकाल में राजधानी के कचरा फेंकने वाले जगह के कारण फैल रहे प्रदूषण संबंधी सवालों पर प्रदेश की नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह के उत्तर के दौरान गौर ने यह आरोप लगाया।
गौर ने सदन में कहा, ‘मेरे प्रश्न के उत्तर में सरकार ने आंशिक जानकारी दी है। मैंने कई बार विवेक अग्रवाल को फोन किया लेकिन उन्होंने कभी मेरा फोन नहीं उठाया। प्रदेश में नौकरशाही की यह स्थिति है।’ अग्रवाल प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव और आयुक्त होने के साथ ही मुख्यमंत्री के सचिव भी हैं।
नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजय सिंह ने गौर के बात का समर्थन करते हुए कहा कि अधिकारी जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की ही नहीं सुन रहे हैं तो अन्य लोगों के साथ क्या करते होंगें? उन्होंने कहा, ‘सत्तारूढ़ भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री की यह स्थिति है तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अधिकारी दूसरे लोगों के साथ कैसा बर्ताव करते होगें।’
एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए गौर ने दावा किया कि शहर का कूड़ा डालने के मैदान से होने वाले प्रदूषण के कारण इसके आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले 93 प्रतिशत लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल नगर निगम के लगभग छह-सात वार्ड कचरे के मैदान से होने वाले प्रदूषण की चपेट में हैं।
मंत्री ने बताया कि सरकार लोगों को इस प्रदूषण से बचाने के लिये उचित कदम उठा रही है तथा भानपुर कररा मैदान को वैज्ञानिक तरीके से बंद करने की प्रक्रिया जारी है।