BMC चुनावः शिवसेना और बीजेपी में गठबंधन की संभावना, मेयर पद ढ़ाई-ढ़ाई साल बांटने की चर्चा!
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BMC चुनावः शिवसेना और बीजेपी में गठबंधन की संभावना, मेयर पद ढ़ाई-ढ़ाई साल बांटने की चर्चा!

महाराष्ट्र निकाय चुनाव के नतीजों का ऐलान हो चुका है लेकिन बीएमसी चुनावों में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से यहां का मामला उलझ गया है। बीएमसी चुनावों में 227 सीटों वाले स्थानीय निकाय का चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना को सबसे ज्यादा 84 सीटें मिली हैं, जबकि भाजपा को 82 सीटों पर जीत मिली है। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला इसलिए अब मेयर पद को लेकर लड़ाई दिलचस्प हो गई है।

BMC चुनावः शिवसेना और बीजेपी में गठबंधन की संभावना, मेयर पद ढ़ाई-ढ़ाई साल बांटने की चर्चा!

नई दिल्ली: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के नतीजों का ऐलान हो चुका है लेकिन बीएमसी चुनावों में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से यहां का मामला उलझ गया है। बीएमसी चुनावों में 227 सीटों वाले स्थानीय निकाय का चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना को सबसे ज्यादा 84 सीटें मिली हैं, जबकि भाजपा को 82 सीटों पर जीत मिली है। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला इसलिए अब मेयर पद को लेकर लड़ाई दिलचस्प हो गई है।

सूत्रों के मुताबिक यह कहा जा रहा है कि बीजेपी और शिवसेना मेयर पद की दावेदारी को लेकर गठबंधन कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच मेयर पद को ढ़ाई-ढ़ाई साल का कार्यकाल बांटने को लेकर चर्चा हुई है। महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर सरकार चला रही है। भले ही दोनों के रिश्तों में खटास आई हो लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। वैसे भी शिवसेना के लिए भाजपा के साथ गठबंधन सबसे आसान होगा क्योंकि इनका रिश्ता 20 साल पुराना है।

बीएमसी चुनावों में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल विश्वास जताया था कि पार्टी स्थानीय निकाय में मेयर का पद बरकरार रखेगी, हालांकि वह किसी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर स्पष्ट बोलने से बचते नजर आए। दूसरी तरफ मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष सेल्लार ने मेयर पद के लिए पार्टी की दावेदारी का संकेत देते हुए कहा कि हमने 81 सीटें सीटें जीती हैं और चार निर्दलीय पार्षदों ने हमें समर्थन दिया है। पार्टी इस बारे में आगे रणनीति तय करेगी।

अगर भाजपा और शिवसेना अड़े रहते हैं तो मनसे, एनसीपी और निर्दलीयों के वोट अहम होंगे। हालांकि भाजपा या शिवसेना दोनों को ही मेयर पद पाने के लिए इन तीनों को साथ लाना होगा। इस प्रकार अगर शिवसेना और बीजेपी में गठबंधन की स्थिति नहीं बनती है तो कई दूसरे समीकरण भी बन सकते हैं। शिवसेना के सामने दूसरा विकल्प होगी कांग्रेस। अगर शिवसेना कांग्रेस के साथ जाती है तो एनसीपी भी साथ आ सकती है। तीसरे विकल्प के रूप में शिवसेना एमएनएस और निर्दलीय सदस्यों का भी साथ ले सकती है।

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