मशहूर शायर-गीतकार निदा फाजली का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस
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मशहूर शायर-गीतकार निदा फाजली का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस

मशहूर शायर निदा फाजली का 77 साल की उम्र में सोमवार को मुंबई में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि निदा फाजली पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निदा फाजली का निधन मुंबई के वर्सोवा स्थित उनके घर पर हुआ। गौरतलब है कि निदा फाजली को साल 2013 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।

फोटो साभार- फेसबुक पेज (फैन क्लब)

नई दिल्ली: मशहूर शायर और गीतकार निदा फाजली का 77 साल की उम्र में सोमवार को मुंबई में निधन हो गया। निदा फाजली पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। बताया जा रहा है कि उन्हें सुबह से ही सांस लेने में परेशानी हो रही थी। निदा फाजली को साल 2013 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। उन्होंने 1958 में ग्वालियर कॉलेज (विक्टोरिया कॉलेज या लक्ष्मीबाई कॉलेज) से स्नातकोत्तर पढ़ाई पूरी की। 

निदा फाजली का जन्म 12 अक्टूबर 1938 को दिल्ली में हुआ था। उनका पूरा नाम मुक्तदा हसन निजा फाजली था। ‘कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता’ जैसी लोकप्रिय गजल लिखने वाले निदा फाजली की स्कूली पढ़ाई ग्वालियर से हुई। उनका जन्म दिल्ली में एक कश्मीरी परिवार में हुआ था। विभाजन के दौरान उनके माता-पिता पाकिस्तान चले गये लेकिन फाजली ने भारत में ही रहने का फैसला किया।

उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी हैं। फाजली के एक रिश्तेदार ने बताया, ‘उन्होंने आज सुबह 11 बजे के आसपास अपने घर पर सांस लेने में कठिनाई की शिकायत की। जब हम अस्पताल पहुंचे तो हमें बताया गया कि वह नहीं रहे।’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें मामूली सर्दी और खांसी थी। उन्हें हाल फिलहाल ऐसी कोई अन्य समस्या नहीं थी। इसलिए यह हमारे लिए चौकाने वाली बात है।’ फाजली के पिता भी उर्दू शायर थे।

फाजली को उर्दू और हिंदी में गजलों, नज्मों और दोहों के लिए आम बोलचाल की भाषा के अलग तरह से इस्तेमाल और खूबसूरती से उन्हें पेश करने के लिए जाना जाता है। उनकी कुछ प्रसिद्ध गजलों में ‘कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता’, ‘आ भी जा, आ भी जा’ , ‘तू इस तरह से मेरी जिंदगी में’ (आप तो ऐसे ना थे) और ‘होश वालों को खबर क्या’ (सरफरोश) आदि शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फाजली के निधन पर शोक प्रकट किया।

सोनिया ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘साहित्य अकादमी और पद्म श्री से सम्मानित शायर को उनके लेखन के लिए हमेशा याद रखा जाएगा जिसने एक पूरी पीढ़ी को सम्मोहित किया।’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि फाजली के निधन से उर्दू साहित्य ने एक लोकप्रिय शख्सियत को खो दिया। (एजेंसी इनपुट के साथ)

 

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