पढ़िए उज्‍ज्‍वल निकम ने क्‍यों कहा, अबू सलेम को नहीं दे सकते थे फांसी
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पढ़िए उज्‍ज्‍वल निकम ने क्‍यों कहा, अबू सलेम को नहीं दे सकते थे फांसी

मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई ब्‍लास्‍ट केस के पांच दोषियों को सजा सुना दी है. अदालत ने अबू सलेम को उम्रकैद की सजा और दो लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है.

पढ़िए उज्‍ज्‍वल निकम ने क्‍यों कहा, अबू सलेम को नहीं दे सकते थे फांसी

मुंबई : मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई ब्‍लास्‍ट केस के पांच दोषियों को सजा सुना दी है. सबकी नजरें अबू सलेम को मिलने वाली सजा पर थीं. अदालत ने अबू सलेम को उम्रकैद की सजा और दो लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है. जैसा कि माना जा रहा था कि सलेम को फांसी की सजा नहीं दी गई. इसके पीछे का कारण सरकारी वकील उज्‍ज्‍वल निकम ने बताया....

उज्‍ज्‍वल निकम ने बताया कि अबू सलेम की सजा को लेकर भारत और पुर्तगाल की सरकार को तय करना है क्‍योंकि पुर्तगाल के कानून के अनुसार उम्रकैद का मतलब 25 साल होता है. ऐसे में वर्तमान स्थिति को देखते हुए अबू सलेम को 13 साल जेल में काटने होंगे क्‍योंकि वह 12 साल की सजा काट चुका है.

उज्‍ज्‍वल निकम साल 2005 में सलेम के भारत प्रत्यर्पण के समय तत्‍कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने लिखित तौर पर पुर्तगाल सरकार और कोर्ट को यह आश्वासन दिया था कि वो सलेम को 25 साल से अधिक जेल में नहीं रखेंगे. भारत सरकार की तरफ से पुर्तगाल को यह आश्वासन दिया गया था कि उसे मौत की सजा भी नहीं दी जाएगी. आपको बता दें कि 2005 में प्रत्यर्पण के बाद से अबू सलेम 12 से 13 साल की सजा काट चुका है.

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2005 में कराया था प्रत्यर्पण
आरोपी मुस्तफा दौसा को 2004 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था. साल 2005 में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और उसकी गर्लफ्रेंड मोनिका बेदी का पुर्तगाल से प्रत्यर्पण किया गया था. अदालत ने मुंबई धमाकों पर सबसे बड़ा फैसला साल 2006 में सुनाया था. उस समय टाडा कोर्ट ने 123 अभियुक्तों में 100 को सजा सुनाई थी, जबकि 23 लोगों को बरी कर दिया था.

याकूब को मिल चुकी है फांसी की सजा
साल 2007 में पूरे हुए सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में याकूब मेमन सहित सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था जबकि 23 लोग बरी हुए थे. इस मामले के मुख्य आरोपी याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को फांसी की सजा दी जा चुकी है.

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यह था मामला
12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी, जबकि 712 से ज्यादा लोग जख्‍मी हुए थे. एक अनुमान के मुताबिक धमाकों में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हुई थी. इस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था.

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