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मुंबई : मुंबई निगम चुनाव में भगवा साथी के साथ चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करने के बाद शिवसेना ने आज दावा किया कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका के कामकाज के संबंध में राज्य के पार्टी नेताओं के दुर्भावनापूर्ण आरोपों को स्वीकार नहीं किया है।
भाजपा पर शिवसेना का यह कटाक्ष संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें दो दशकों से शिवसेना द्वारा नियंत्रित मुंबई नगर निकाय पारदर्शिता के मामले में शीर्ष पर आया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में कहा था कि भाजपा बीएमसी में पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे पर समझौता नहीं करेगी। पार्टी के स्थानीय नेता इस संपन्न शहरी निकाय के कामकाज में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और गैर पारदर्शिता का आरोप लगाते हुए शिवसेना पर हमला करते रहते हैं।
पार्टी के मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा गया है, ‘भाजपा कह रही थी कि बीएमसी में पारदर्शिता होने पर गठबंधन होगा। आर्थिक सर्वेक्षण के बाद यह साफ हो गया कि पारदर्शिता का उल्लेख भाजपा नेताओं के लिए महज ज्यादा सीट की मांग रखने की कवायद थी। बीएमसी ने केंद्र और राज्य सरकार से थोड़े समर्थन के बावजूद आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कमाल किया है।’