विंग कमांडर दुष्यंत वत्स के अंतिम संस्कार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वत्स की पत्नी कुमुद डोगरा भारतीय सेना में मेजर के पद पर तैनात है. हाल ही में कुमुद ने बेटी को जन्म दिया है.
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नई दिल्लीः देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले जवान के परिवार में कितनी हिम्मत और धैर्य होता है असम में इसका उदाहरण देखने को मिला. 15 फरवरी को असम के माजुली जिले में वायुसेना का एक विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था जिसमें भारतीय वायुसेना के दो विंग कमांडर अपनी जान गवां बैठे थे. उनमें से ही एक थे विंग कमांडर डी वत्स. विंग कमांडर दुष्यंत वत्स के अंतिम संस्कार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. विंग कमांडर डी वत्स की पत्नी कुमुद डोगरा भारतीय सेना में मेजर के पद पर तैनात है. हाल ही में कुमुद ने बेटी को जन्म दिया है, लेकिन विंग कमांडर डी.वत्स अपने बेटी को देख नहीं सके.
देश की सेना के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले विंग कमांडर की पत्नी ने भी अपने पति को विदा करते समय हिम्मत दिखाई. मेजर कुमुद अपने पति के अंतिम संस्कार में सेना की वर्दी पहने पहुंचीं और उनके हाथ में अपनी 5 दिन की बच्ची थी. जिस किसी ने भी यह नजारा देखा उसकी आंखे छलक उठीं. लेकिन सेना की इस यंग ऑफिसर की हिम्मत देख हर किसी ने सेल्यूट किया.
सोशल मीडिया पर मेजर कुमुद की तस्वीर वायरल होने लगी. लोगों ने उनकी हिम्मत को सराहा और उन्हें सैल्यूट किया. फेसबुक पर इंडियन डिफेंस नाम के पेज पर विंग कमांडर दुष्यंत वत्स और उनकी पत्नी मेजर कुमुद डोगरा के साहस और धैर्य की प्रशांसा की गई है. इसके साथ ही मेजर कुमुद की अपनी नवजात बच्ची के साथ तस्वीर और विंग कमांडर दुष्यंत वत्स की तस्वीरें भी दिखाई गई है.
Major #KumudDogra on her way to offer last tribute to her husband Late #WgCdr D. Vats, who lost his life in a Microlight crash in Majuli, Assam.
On that fateful day their baby was only 4 days old.
We SALUTE the courage, determination and dedication of this young lady officer. pic.twitter.com/hZxOLuP2yd— Shivang Tiwari (@tiwari7_tiwari) February 21, 2018
आपको बता दें कि 15 फरवरी को असम के माजुली जिले में एक वायुयान के दुर्घटनाग्रस्त होने से भारतीय वायुसेना के दो पायलट के मारे जाने की खबर आई थी. रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि हल्के वजन का वायुयान जोरहट एयरबेस से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. वायुयान दोपहर में नियमित उड़ान पर निकला था. नई दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि दो सीटों वाले विमान के मलबे का पता चल गया है और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं. तेजपुर स्थित रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्द्धन पांडे ने मीडिया को बताया कि दुर्घटना में मारे गए दोनों पायलटों की पहचान विंग कमांडर जय पॉल जेम्स और विंग कमांडर डी. वत्स के रूप में हुई है.
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#Major #KumudDogra We always hear about high morale n courage of #IndianArmy. You represented that morale, courage n commitment. Hats off to u. #Indianwomen
आप जैसी वीरांगनाओं के त्याग, साहस और निष्ठा से ही ये देश जीवित है। वंदेमातरम !@singh_prakash @vikramaditya_JK @artizzzz pic.twitter.com/FPGRUb470W— Rajvendra Rathore (@rajvendrarathor) February 24, 2018
नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया, ‘‘भारतीय वायुसेना का माइक्रोलाइट वायरस एसडब्ल्यू-80 गुरुवार दोपहर नियमित उड़ान पर निकलने के बाद करीब बारह बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया.’’ अधिकारियों ने बताया कि पायलटों ने आपातकालीन लैंडिंग का प्रयास किया लेकिन जिले के उत्तरी हिस्से में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई.
दुर्घटना दरबार चापोरी में हुई जो ब्रह्मपुत्र का बालू वाला इलाका है और वहां मनुष्यों की आबादी नहीं है. जिले के दूसरे गांवों के लोगों ने विमान में आग लगते हुए देखा और जिले के अधिकारियों को सूचित किया. जोरहट में दस विंग वायुसेना स्टेशन के वायुसेना कर्मी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए जबकि पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी दुर्घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं जहां नाव से पहुंचा जा सकता है.
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#Major #Kumud Dogra...
In her arms is her five day old baby and her feet marching towards the dead body of her husband Wng Cmdr D Vats...
A rare epitome of courage...Salute you #Major #Dogra
JAI HIND pic.twitter.com/sNsDT9Rrar— Vijay Chaudhari (@VijayJalgaon) February 24, 2018
भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ही विस्तृत ब्यौरा मिल सकता है.वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने स्लोवानिया के करीब 80 माइक्रोलाइट विमानों को तीन वर्ष पहले खरीदा था. सामान्य तौर पर उन्हें पर्यावरणीय एवं चिड़ियों की निगरानी के मिशन में तैनात किया जाता है.