बंगाल के हर आस्था को साथ लेकर चलने के यकीन का जिक्र करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा धर्म के आधार पर लोगों को बांट रही है.
Trending Photos
केंडुली (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी गणतंत्र दिवस परेड में एकता की थीम पर आधारित राज्य की झांकी शामिल नहीं करने को लेकर गुरुवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया. बंगाल के हर आस्था को साथ लेकर चलने के यकीन का जिक्र करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा धर्म के आधार पर लोगों को बांट रही है. बीरभूम जिले के ‘जयदेव केंडुली मेला 2018’ का उद्घाटन करने के बाद ममता ने कहा, ‘‘इस साल गणतंत्र दिवस पर हमारी झांकी एकता के थीम पर आधारित थी . मेरा मानना है कि इसी वजह से हमें शामिल नहीं किया गया .’’ वहीं असम पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित टिप्पणी को लेकर गुरुवार (04 जनवरी) को ममता बनर्जी के खिलाफ एफआई दर्ज की है.
मुख्यमंत्री ने साधा बीजेपी पर निशाना
भाजपा-आरएसएस की तरफ इशारा करते हुए ममता ने कहा, ‘‘भगवा सभी में मेल नहीं खाता . यदि हम किसी को भगवा रंग का गलत इस्तेमाल करते देखेंगे तो अपनी आवाज बुलंद करेंगे .’’ ममता जब यह बोल रही थीं उस वक्त ‘बाउल’ गायकों का एक समूह वहां भगवा परिधान में मौजूद था . ‘बाउल’ बंगाल का प्रसिद्ध आध्यात्मिक लोक गीत है . उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं की गई राज्य की झांकी दिखाने के लिए कई कलाकारों को भी बुलाया था . ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने कला एवं संस्कृति के विभिन्न स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो लाख से ज्यादा कलाकारों का संरक्षण किया . उनमें से कुछ ने राज्य सरकार के विज्ञापनों में भी काम किया . मुख्यमंत्री ने बीरभूम जिले के लोगों को पड़ोस के इलाके में कुछ माओवादी संगठनों की गतिविधि के खिलाफ आगाह किया . उन्होंने जिले में कई विकास कार्यक्रमों की भी घोषणा की .
गणतंत्र दिवस की परेड से पश्चिम बंगाल की झांकी हटाना राज्य का अपमान : ममता
एनआरसी संबंधी टिप्पणी को लेकर ममता पर FIR दर्ज
असम पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित टिप्पणी को लेकर गुरुवार (04 जनवरी) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. उनके खिलाफ ऐसी कई शिकायतें मिली थी कि उन्होंने पूर्वोत्तर के इस राज्य में एनआरसी को अद्यतन किए जाने को लेकर ‘भड़काऊ’ बयान दिया. ममता ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के अहमदपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पहले मसौदे में बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया. पहले मसौदे का प्रकाशन 31 दिसंबर, 2017 को किया गया था. उन्होंने कहा था, 'मैं केंद्र की भाजपा सरकार को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देती हूं...यह करीब 1. 80 करोड़ लोगों को राज्य से खदेड़ने की केंद्र सरकार की साजिश है.'
गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त (मध्य) रंजन भूइयां ने बताया, ‘‘लतासिल थाने को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एक कथित भाषण के संदर्भ में शिकायत मिली है. हमने शिकायत दर्ज कर ली है ओर नियमों के अनुरूप जांच करेंगे.’’ उन्होंने बताया कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तैलेंद्र नाथ दास ने शिकायत की और पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है. यह धारा धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और भाषा के नाम पर लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश से संबंधित है. दास ने ममता पर उच्चतम न्यायालय की अवमानना का भी आरोप लगाया है क्योंकि एनआरसी का काम उच्चतम न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में हो रहा है. पुलिस ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति ने इसी तरह की शिकायत की है और प्राथमिकी के साथ इसे जोड़ दिया जाएगा.
(इनपुट - भाषा)