ममता बनर्जी ने फिर कहा, Aadhaar संख्या जोड़ना समस्याओं से भरा
Advertisement
trendingNow1352293

ममता बनर्जी ने फिर कहा, Aadhaar संख्या जोड़ना समस्याओं से भरा

ममता बनर्जी ने मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने को अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के निर्णय का काफी विरोध किया है.

यूआईडीएआई ने आधार डेटा पूरी तरह सुरक्षित बताया था. (फाइल फोटो)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार (21 नवंबर) को एक बार फिर आधार संख्या जोड़ने और निजी जानकारियों को सरकारी वेबसाइटों पर खुलासा करने की आलोचना की और इसे समस्याओं से भरा बताया. बनर्जी ने ट्वीट किया, "आधार को लिंक करना बहु़त दिक्कतों भरा है. आधार कार्ड के नाम पर 210 सरकारी वेबसाइटों पर जानकारियां साझा की जा रही हैं. यह व्यक्तिगत आजादी, समाज और देश के लिए खतरनाक है. सभी गोपनीय जानकारियां सार्वजनिक हो रही हैं. कुछ लोग गलत काम करने के बावजूद खुशी महसूस कर रहे हैं."

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने एक दिन पहले आधार जोड़ने के खतरों की ओर इशारा किया था. उन्होंने कहा था, "मैं विशिष्ट कार्ड(पहचान) के समर्थन में हूं. एक व्यक्ति के लिए अलग-अलग कार्ड नहीं हो सकते. लेकिन आधार कार्ड के नाम पर..इस आधुनिक युग में.. जिस तरह से जानकारियों को वेबसाइटों पर उजागर किया जा रहा है..यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समाज, व्यक्तिगत रूप से और देश के लिए खतरनाक है." मुख्यमंत्री ने मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने को अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के निर्णय का काफी विरोध किया है. उन्होंने कहा था कि अगर उनका कनेक्शन काट भी दिया जाए, तो भी वह टेलीकॉम ऑपरेटर को अपना आधार नंबर नहीं देंगी.

UIDAI ने कहा: आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित, बायोमीट्रिक सूचना साझा नहीं की जा सकती

इससे पहले आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सोमवार (20 नवंबर) को कहा कि आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है और उनकी ओर से कोई डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया है. यूआईडीएआई ने स्पष्ट किया है कि आधार संख्या कोई गोपनीय संख्या नहीं है और यदि कोई आधार धारक सरकारी कल्याण योजनाओं या अन्य सेवाओं का लाभ लेना चाहता है तो उसे प्राधिकृत एजेंसियों के साथ आधार संख्या साझा करनी होती है.

प्राधिकरण की ओर से यह प्रतिक्रिया उस रपट पर आई है, जिसमें कहा गया था कि आरटीआई के जरिये 210 सरकारी वेबसाइटों ने आधार से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कीं. प्राधिकरण ने कहा कि आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है और यूआईडीएआई की तरफ से कोई डेटा सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं किया गया है और न ही किसी तरह का उल्लंघन हुआ है.

यूआईडीएआई ने आरटीआई के जवाब में कहा कि ऐसा पाया गया है कि शिक्षण संस्थानों समेत केंद्र, राज्य सरकार के विभागों की करीब 210 वेबसाइटों ने लाभार्थियों की सूची के साथ उनका नाम, पता, अन्य जानकारियां और आधार संख्या सार्वजनिक कर दी थीं.

Trending news