Manohar Joshi Demise: मनोहर जोशी ने ली आखिरी सांस, पढ़िए टीचर से CM और लोकसभा स्पीकर बनने तक का सफर
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Manohar Joshi Demise: मनोहर जोशी ने ली आखिरी सांस, पढ़िए टीचर से CM और लोकसभा स्पीकर बनने तक का सफर

Manohar Joshi News: मनोहर जोशी शिवसेना के आम कार्यकर्ता थे, जिन्हें पहले मेयर और बाद में सीएम और लोकसभा स्पीकर बनने का मौका मिला. आइए मनोहर जोशी के राजनीतिक जीवन के बारे में जानते हैं.

Manohar Joshi Demise: मनोहर जोशी ने ली आखिरी सांस, पढ़िए टीचर से CM और लोकसभा स्पीकर बनने तक का सफर

Manohar Joshi Passed Away: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मनोहर जोशी (Manohar Joshi) ने मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में आखिरी सांस (Manohar Joshi Demise) ली. 86 साल की उम्र में मनोहर जोशी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. बीते दिनों दिल के दौरे की शिकायत के बाद मनोहर जोशी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिसके बाद से उनकी हालत गंभीर थी. इससे पहले बीते साल मई महीने में ब्रेन हेमरेज की दिक्कत के बाद मनोहर जोशी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. फिर कुछ दिनों के इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. हालांकि, आज मनोहर जोशी का निधन हो गया. आइए मनोहर जोशी के बारे में जानते हैं. वे लोकसभा स्पीकर भी रहे थे.

टीचर से सीएम तक का सफर

बता दें कि मनोहर जोशी एक टीचर थे. बाद में उन्होंने शिवसेना ज्वाइन की और फिर सीएम और लोकसभा स्पीकर बनने तक का सफर तय किया. शिवसेना की स्थापना 19 जून, 1966 को हुई थी. उसके बाद से ही मनोहर जोशी शिवसेना के मेंबर बन गए थे. वह लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे. 1976 से 1977 तक वह मुंबई के मेयर भी रहे थे. इसके बाद 1995 में वो मौका आया जब मनोहर जोशी शिवसेना और बीजेपी गठबंधन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.

जब लोकसभा स्पीकर बने मनोहर जोशी

जान लें कि मनोहर जोशी ने 1995 से 1999 तक 4 साल सीएम के तौर पर महाराष्ट्र की सरकार चलाई. फिर इसके बाद वो मौका आया जब 2002 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और मनोहर जोशी को लोकसभा स्पीकर बनाया गया था. तब बीजेपी और शिवसेना गठबंधन में थे और मनोहर जोशी को लोकसभा स्पीकर का पदभार संभालने का मौका मिला था. 2004 तक मनोहर जोशी लोकसभा स्पीकर रहे थे.

दिग्गज नेता थे मनोहर जोशी

मनोहर जोशी का नाम शिवसेना और महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में शुमार था. मनोहर जोशी को बाल ठाकरे का बेहद करीबी माना जाता था. मनोहर जोशी का नाम शिवसेना के एक समर्पित कार्यकर्ता रूप में जाना जाता था. शायद यही वजह थी कि पार्टी ने उन्हें पहले मेयर, फिर मेयर से सीएम और सीएम से लोकसभा स्पीकर बनने का मौका दिया.

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