Agnipath Scheme: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले तीनों पेशे से वकील हैं. वहीं दूसरी ओर से केंद्र सरकार ने भी कैवियट दाखिल कर कोर्ट से मांग की है कि वह बिना उसके पक्ष को सुने कोई एकतरफा आदेश न पास करे.
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Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल हुई हैं. याचिका दाखिल करने वाले तीनों पेशे से वकील हैं. वहीं दूसरी ओर से केंद्र सरकार ने भी कैवियट दाखिल कर कोर्ट से मांग की है कि वह बिना उसके पक्ष को सुने कोई एकतरफा आदेश न पास करे.
आज (मंगलवार) वकील विशाल तिवारी ने जस्टिस सी टी रविकुमार की अध्यक्षता वाली बेंच से अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग भी की. बेंच ने उन्हें रजिस्ट्री के सामने जल्द सुनवाई की मांग रखने को कहा.
वकील एम एल शर्मा ने याचिका दाखिल कर इस योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की है. याचिका में कहा गया कि बिना संसद में विचार हुए इस स्कीम को लागू किया गया. इस स्कीम को रद्द किया जाना चाहिए.
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वकील विशाल तिवारी ने अग्निपथ स्कीम के विरोध में हुई हिंसा और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान की SIT जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में इस स्कीम के राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्मी पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने की मांग भी की गई है.
वकील हर्ष अजय सिंह की ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार को स्कीम पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि चार साल की कम अवधि और अग्निवीरों की भविष्य की अनिश्चितताओं के चलते देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सरकारी खजाने पर बोझ कम करने की कवायद में राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए.
याचिका में कहा गया कि सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि अपने आर्मी के जवानों की प्रतिभा का अधिकतम सदुपयोग कर सके. याचिका में अंदेशा जताया गया है कि चार साल की ट्रेनिंग के बाद रिटायर्ड हुए अग्निवीर बिना किसी नौकरी के गुमराह हो सकते है.वो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बन सकते हैं.
अग्निपथ स्कीम को लेकर दायर हो रही याचिकाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार ने भी कैवियट दाखिल की है. सरकार का कहना है कि अगर कोर्ट इन याचिकाओं पर सुनवाई कर कोई आदेश पास करता है तो उसके भी पक्ष को सुना जाना चाहिए. बिना सरकार का पक्ष सुने , याचिकाकर्ताओं की दलील के आधार पर कोर्ट कोई एकतरफा आदेश पास न करे.
अग्निपथ के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की SIT जांच की मांग को लेकर आज वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट की जल्द सुनवाई की मांग की. जस्टिस सी टी रविकुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के लिए जारी सर्कुलर के मुताबिक चीफ जस्टिस की अनुमति के बाद ही कोई मामला सुनवाई के लिए लग सकता है. बेंच ने उन्हें रजिस्ट्रार के पास जल्द सुनवाई की मांग रखने की सलाह दी.