राज्यपाल के एक फोन कॉल के साथ खत्म हुआ मुख्यमंत्री के रूप में महबूबा का सफर
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राज्यपाल के एक फोन कॉल के साथ खत्म हुआ मुख्यमंत्री के रूप में महबूबा का सफर

जम्मू और कश्मीर में मंगवार में मचे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन के लिए राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें भेज दी हैं.

फाइल फोटो (पीटीआई)

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा के एक फोन कॉल के साथ जम्मू - कश्मीर की मुख्यमंत्री के रूप में मंगलवार को महबूबा मुफ्ती के कार्यकाल का अचानक अंत हो गया. वोहरा ने उन्हें बताया कि बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ लिया है. मंगलवार का दिन महबूबा के लिए दूसरे कामकाजी दिन की ही तरह था. वह सिविल सचिवालय में अपने कार्यालय में थीं जब मुख्य सचिव बी बी व्यास के पास राज्यपान का फोन कॉल आया और उन्होंने व्यास से तत्काल मुख्यमंत्री के साथ बात कराने को कहा. 

इसके कुछ ही मिनटों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में दोपहर करीब दो बजे बीजेपी के महासचिव राम माधव ने एक संवाददाता सम्मेलन में फैसले की घोषणा कर ली जिससे राज्य में एक बार फिर राज्यपाल शासन की ओर बढ़ गया. राज्यपाल ने महबूबा को बीजेपी के फैसले की जानकारी दी जो उन्हें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना द्वारा भेजे गए एक पत्र से मिली. पत्र के साथ बीजेपी के मंत्रियों के इस्तीफे के पत्र थे.  महबूबा ने चुपचाप राज्यपाल की बात सुनी और कुछ पल रूकने के बाद कहा कि बीजेपी के साथ बातचीत करने की जरूरत नहीं है और वह अपना इस्तीफा सौंप देंगी. 

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जम्मू और कश्मीर में मंगवार में मचे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन के लिए राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें भेज दी हैं. वोहरा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी सिफारिश की चिट्ठी में लिखा कि उन्होंने राज्य के सभी दलों से बातचीत कि लेकिन कोई दल सरकार बनाने के लिए सामने नहीं आया, इसलिए राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गवर्नर रूल स्थापित किया जाए. 

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मंगलवार की दोपहर बीजेपी द्वारा सत्तारूढ़ पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लिए जाने के बाद राज्य में तीन साल पुरानी महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई. महबूबा मुफ्ती ने शाम को राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. महबूबा का इस्तीफा मिलने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा से राज्य के सभी दलों के प्रमुखों से बात की और राज्य में नई सरकार की संभावनाओं पर चर्चा की. लेकिन नई सरकार के गठन के लिए कोई भी दल आगे नहीं आया. अंत में राज्यपाल ने सूबे में गवर्नर रूल की सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति को एक चिट्ठी लिखी है. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद राज्यपाल की सिफारिशों पर चर्चा के बाद बुधवार को इस पर फैसला ले सकते हैं.

बता दें कि बीजेपी के महासचिव राम माधव ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फेंस करके महबूबा सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी. राम माधव ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता व अन्य नौ मंत्रियों ने राज्यपाल एनएन वोहरा व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. राज्य के नेताओं को परामर्श के लिए तत्काल राष्ट्रीय राजधानी बुलाया गया था.

(इनपुट भाषा से भी)

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