#MeToo: 6 महिलाओं ने मंत्री MJ अकबर पर लगाए आरोप, कहा-जब संपादक थे तो किया उत्‍पीड़न
Advertisement
trendingNow1456227

#MeToo: 6 महिलाओं ने मंत्री MJ अकबर पर लगाए आरोप, कहा-जब संपादक थे तो किया उत्‍पीड़न

एमजे अकबर पर आरोप है कि जब वे संपादक थे तो उन्‍होंने कई महिला पत्रकारों का यौन उत्‍पीड़न किया.

केंद्रीय विदेश राज्‍य मंत्री एमजे अकबर पूर्व में मशहूर संपादक रहे हैं.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: मीटू अभियान में नित नई हस्तियां के नाम आ रहे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय विदेश राज्‍य मंत्री एमजे अकबर पर भी आरोप लगे हैं. उन पर आरोप है कि जब वे संपादक थे तो उन्‍होंने कई महिला पत्रकारों का यौन उत्‍पीड़न किया. इस सिलसिले में कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए अकबर पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए हैं.

  1. एमजे अकबर जब संपादक थे, उस दौर के हैं आरोप
  2. सबसे पहले पत्रकार प्रिया रमानी ने अपनी स्‍टोरी शेयर की
  3. मीटू अभियान के तहत कई महिलाओं ने यौन उत्‍पीड़न की आपबीती साझा की

इस कड़ी में पत्रकार प्रिया रमानी ने उन पर सबसे पहले आरोप लगाते हुए अपनी स्‍टोरी को साझा किया है. इससे पहले उन्‍होंने पिछले अक्‍टूबर में वोग इंडिया में लिखे अपने ऑर्टिकल में डियर मेल बॉस को संबोधित करते हुए एक आर्टिकल लिखा था. उस वक्‍त दुनिया भर में शुरू हुए मीटू अभियान की पृष्‍ठभूमि में उन्‍होंने अपनी स्‍टोरी को लिखा था. हालांकि उस वक्‍त उन्‍होंने आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया था. लेकिन आठ अक्‍टूबर को उन्‍होंने अपनी स्‍टोरी के लिंक को शेयर करते हुए लिखा कि दरअसल उनकी पुरानी स्‍टोरी एमजे अकबर से संबंधित थी. उन्‍होंने इसके साथ ही लिखा कि उनका नाम इसलिए नहीं लिया था क्‍योंकि उन्‍होंने मेरे साथ 'कुछ' नहीं किया. लेकिन कई अन्‍य महिलाओं की इससे भी बदतर स्‍टोरीज उनसे जुड़ी हो सकती हैं- संभवतया वे इसे शेयर करें.

प्रिया रमानी ने ऑर्टिकल में अपने एक जॉब इंटरव्‍यू के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उस वक्‍त मैं 23 साल की थी और वह 43 साल के थे. संपादक ने मुझे दक्षिणी मुंबई के उस होटल में मिलने के लिए बुलाया जहां वे हमेशा रुका करते थे. उन्‍होंने कहा कि दरअसल वो इंटरव्‍यू कम डेट ज्‍यादा था. संपादक ने ड्रिंक ऑफर की और पुराने हिंदी गाने सुनाने को कहा. यहां तक कि उन्‍होंने अपने बेड के पास आकर बैठने को कहा जिसे मना कर दिया.

सेक्सुअल हैरेस्मेंट के आरोपों के बाद, रणवीर सिंह की फिल्म '83' से हटाए गए डायरेक्टर विकास बहल

प्रिया रमानी के सामने आने के बाद इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक उनको मिलाकर छह महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर आरोप लगाए हैं. इस कड़ी में रमानी की तरह के अनुभव फ्रीलांस पत्रकार कनिका गहलोत ने साझा किए हैं. उन्‍होंने द इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा, ''मैंने भले ही रमानी का लेख नहीं पढ़ा है लेकिन मुझे इसकी जरूरत नहीं है क्‍योंकि मैंने अकबर के साथ तीन सालों तक काम किया है.'' कनिका ने 1995-1997 तक द एशियन एज में काम किया. एमजे अकबर वहां संपादक थे. कनिका ने कहा कि जब मैंने वहां ज्‍वाइन किया था, उससे पहले ही मुझे उनके बारे में बता दिया गया था.

इसी तरह द एशियन एज की रेजीडेंट एडीटर सुपर्णा शर्मा ने कई वाकये शेयर किए हैं. उन्‍होंने द इंडियन एक्‍सप्रेस को बताया कि जब वह 1993-96 के दौरान अखबार की लांच टीम का हिस्‍सा थीं तो एक दिन अकबर एकदम पीछे आकर खड़े हो गए. उन्‍होंने कहा, ''मेरी ब्रा की स्‍ट्रेप को खींचा और कुछ कहा. जो कहा वो तो अब याद नहीं लेकिन मैं बहुत जोर से उन पर चिल्‍लाई.''

जब सलमान खान ने कहा- अगर मैंने ऐश्वर्या को मारा होता तो वो बचती नहीं

इसी तरह के मामले में लेखिका शुमा राहा ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा कि 1995 में जॉब इंटरव्‍यू के लिए कोलकाता के ताज बंगाल होटल में बुलाया. वहां पर उनके कमरे में बेड पर बैठकर इंटरव्‍यू देने को कहा. उसके बाद जॉब ऑफर करते हुए बाद में ड्रिंक पर आने को कहा. राहा ने कहा कि इन असहज करने वाली दशाओं के कारण उन्‍होंने वह जॉब नहीं की.

इसी तरह पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने सात अक्‍टूबर को एक ट्वीट में इसी तरह की मिलती-जुलती घटना का जिक्र किया. हालांकि पहले उन्‍होंने अकबर का नाम अपने ट्वीट में नहीं लिया लेकिन सोमवार को उनके नाम का जिक्र किया. इसी तरह एक अन्‍य पत्रकार शुतापा पॉल ने रमानी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अकबर पर आरोप लगाए.  

कांग्रेस ने जांच की मांग की, सरकार चुप
इन आरोपों के सामने आने के साथ ही कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की मांग की है. दूसरी तरफ, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस सवाल को टाल गईं कि क्या सरकार अकबर के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी. इन आरोपों पर विदेश राज्य मंत्री अकबर की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. कहा जा रहा है कि इस वक्‍त वह एक व्‍यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ नाइजीरिया के दौरे पर हैं. अपने सहयोगी पर लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर सुषमा ने कोई टिप्पणी नहीं की.

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर मामला है और संबंधित मंत्री को बोलने की जरूरत है. चुप रहना कोई रास्ता नहीं है. इस मामले की जांच होनी चाहिए. हम संबंधित मंत्री और प्रधानमंत्री दोनों को इस मुद्दे पर सुनना चाहते हैं.’’ भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

यौन उत्पीड़न के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए: मेनका गांधी
इस बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि किसी के भी खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि आमतौर पर महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं. मेनका गांधी ने मंगलवार को एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘ ताकतवर पदों पर बैठे पुरुष अक्सर ऐसा करते हैं. यह बात मीडिया, राजनीति और यहां तक कि कंपनियों में वरिष्ठ अधिकारियों पर भी लागू होती है.’’

उन्होंने कहा कि अब जब महिलाओं ने इस बारे में बोलना शुरू किया है तो उनके आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा,‘‘ महिलाएं इस बारे में बोलने से डरती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उनका मजाक बनाएंगे, उनके चरित्र पर अंगुलियां उठाएंगे. लेकिन अब जब उन्होंने बोलना शुरू किया है तो हर एक आरोप के बारे में कार्रवाई की जानी चाहिए.’’

उल्‍लेखनीय है कि देश में ‘मीटू’ अभियान तेज हो गया है, मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़ी कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की आपबीती साझा की है. अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने 2008 में एक फिल्म के सेट पर नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है जिसके बाद हॉलीवुड के ‘मीटू’ की तर्ज पर भारत में भी यह अभियान शुरू हुआ है. पाटेकर ने तनुश्री के आरोपों का खंडन किया है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news