ZEE जानकारी : PDP के एक विधायक को कश्मीर के आतंकवादी 'भाई और शहीद'...नज़र आते हैं
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ZEE जानकारी : PDP के एक विधायक को कश्मीर के आतंकवादी 'भाई और शहीद'...नज़र आते हैं

PDP के विधायक हैं...एजाज़ अहमद मीर. उनके मुताबिक, कश्मीर घाटी के स्थानीय आतंकवादियों की मौत पर देश को जश्न नहीं मनाना चाहिए, क्योंकि वो कश्मीर के ही निवासी हैं.

ZEE जानकारी : PDP के एक विधायक को कश्मीर के आतंकवादी 'भाई और शहीद'...नज़र आते हैं

जम्मू कश्मीर में एक राजनीतिक पार्टी है.. जिसका नाम है Jammu And Kashmir Peoples Democratic Party...लोग इसे PDP के नाम से भी जानते हैं. इस राजनीतिक दल को खड़ा करने वाले व्यक्ति का नाम था...मुफ्ती मोहम्मद सईद. वर्ष 2015 से जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के समर्थन से इसी पार्टी की सरकार है. और इस पार्टी की प्रमुख हैं...महबूबा मुफ्ती. PDP के नाम में 'Democratic' यानी 'लोकतांत्रिक' जैसे वज़नदार शब्द को जगह दी गई है. लेकिन, इस पार्टी के विधायक 'लोकतांत्रिक आज़ादी' का नाजायज़ फायदा उठा रहे हैं. सबसे ज़्यादा दुख देने वाली बात ये है कि PDP के विधायक को कश्मीर घाटी में खून की होली खेलने वाले आतंकवादी....'भाई और शहीद'...नज़र आते हैं. 

PDP के एक ऐसे ही विधायक हैं...एजाज़ अहमद मीर. उनके मुताबिक, कश्मीर घाटी के स्थानीय आतंकवादियों की मौत पर देश को जश्न नहीं मनाना चाहिए, क्योंकि वो कश्मीर के ही निवासी हैं.  इस हिसाब से तो PDP के इस विधायक की नज़रों में 'बुरहान वानी' जैसे आतंकवादी 'शहीद' हैं. और 'ज़ाकिर मूसा' जैसे आतंकवादी...रिश्ते में उनके 'भाई' लगते हैं. 'लोकतांत्रिक आज़ादी' का फायदा उठाते हुए, PDP के इस विधायक ने ये भी कहा, कि केंद्र सरकार को ना सिर्फ आतंकवादियों से बात करनी चाहिए....बल्कि कश्मीर की समस्या का समाधान ढूंढने के लिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस सहित तमाम अलगाववादी नेताओं से भी चर्चा करनी चाहिए. ये ऐसी बातें हैं जिन्हें सुनकर पाकिस्तान को बहुत सुकून मिलता है. 

यहां बड़ा सवाल ये है, कि अगर PDP के विधायक...आतंकवादियों से भाईचारा निभाने में व्यस्त हैं, तो फिर उसका समर्थन करने वाली बीजेपी और केंद्र की सरकार क्या कर रही है ?

एजाज अहमद मीर की बातें सुनकर आपको ऐसा लगेगा...कि पाकिस्तान ने उन्हें आधिकारिक तौर पर कश्मीर घाटी में आतंकवादियों का 'प्रवक्ता' घोषित कर दिया है. हालांकि, कश्मीर घाटी के जो 'स्थानीय आतंकवादी' उन्हें भाई नज़र आते हैं...उन्हें ज़रा उनकी History भी पढ़ लेनी चाहिए. 

घाटी में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना का नाम है...मसूद अज़हर. इस संगठन को खड़ा करने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का बहुत बड़ा हाथ था. जैश-ए-मोहम्मद को United Nations ने प्रतिबंधित संगठन घोषित किया हुआ है. लेकिन आज भी इसके आतंकवादी, पाकिस्तान के बहावलपुर में अपने Headquarter से Operate करते हैं. और घाटी के युवाओं को भड़काकर भारत विरोधी एजेंडा चलाते हैं.

ठीक इसी तरह घाटी में सक्रिय 'हिजबुल मुजाहिद्दीन' का कमांडर है..सैय्यद सलाहुद्दीन. इस संगठन को वर्ष 1989 में इस मकसद से खड़ा किया गया था, ताकि भारत में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाई जा सकें. इस संगठन को भी भारत, अमेरिका और  European Union ने प्रतिबंधित संगठन घोषित किया हुआ है. लेकिन, इसके आतंकी, पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में मुज़्ज़फराबाद के Headquarter से Operate करते हैं. इसके अलावा इस Group ने कश्मीर घाटी में अपने Sleeper Cells को Active किया हुआ है, जो स्थानीय कश्मीरियों के साथ-साथ भारत के सुरक्षाबलों पर हमला करते हैं.

और तीसरे आतंकवादी संगठन का नाम है...लश्कर-ए-तैय्यबा. जिसका कमांडर है, हाफिज़ सईद. इस संगठन का मकसद ना सिर्फ कश्मीर घाटी में आतंकवादी हमले करना है. बल्कि, इसका Main Target...भारत के अभिन्न राज्य 'जम्मू-कश्मीर' को पाकिस्तान में शामिल करना है. लश्कर और हाफिज़ सईद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित किया जा चुका है. लेकिन, ये संगठन अभी भी पाकिस्तान के मुरीदके में अपने Headquarter से आतंकवादी गतिविधियां करता है. 

यहां पर हम PDP के विधायक, एजाज अहमद मीर से एक सवाल पूछना चाहते हैं. और वो सवाल ये है, कि जिन तीन आतंकवादी संगठनों का Headquarter, पाकिस्तान में मौजूद है...उनके लिए काम करने वाले आतंकवादी...स्थानीय कैसे हो सकते हैं ? 

वर्ष 2017 में कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों ने 206 आतंकवादियों को मार गिराया था. जिनमें से 80 आतंकवादी ऐसे थे...जिन्हें अलग-अलग संगठनों ने घाटी में अपने Payroll पर रखा हुआ था. यानी एक तरह से वो उनकी नौकरी कर रहे थे. जबकि इस दौरान 110 से ज़्यादा आतंकवादी ऐसे थे, जिन्हें पाकिस्तान से Operate करने वाले तीनों आतंकवादी संगठनों ने कश्मीर घाटी में घुसपैठ करके भेजा था.

इस वक्त कश्मीर घाटी में क़रीब 250 आतंकवादी Active हैं. जिनमें से 100 पाकिस्तानी हैं, और बाकी पाकिस्तानी संगठनों द्वारा Recruit किए गए कश्मीरी आतंकवादी हैं. हो सकता है..इन आंकड़ों को देखकर, PDP के विधायक ये कहने लगें...कि ये 150 आतंकवादी स्थानीय कश्मीरी हैं, इसलिए इन्हें ना मारा जाए. और इनसे बातचीत की जाए. लेकिन, क्या, एजाज अहमद मीर को कश्मीर घाटी के आम नागरिकों और देश के सुरक्षाबलों की ज़रा भी परवाह
है ?

वर्ष 2014 से 14 दिसम्बर 2017 तक, ऐसे ही आतंकवादियों ने कश्मीर घाटी के 100 स्थानीय नागरिकों को मार डाला...ये सभी लोग, किसी ना किसी के भाई थे...किसी के पिता थे.... लेकिन ऐसे लोगों के लिए उन्होंने आवाज़ नहीं उठाई. इसी दौरान जम्मू-कश्मीर में देश के 243 जवान भी, उन्हीं आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए. PDP के विधायक, जिन आतंकवादियों को शहीद बता रहे हैं...क्या उन्होंने कभी देश के असली शहीदों को याद किया ? ये चुभने वाले सवाल हैं...जिनका जवाब किसी के पास नहीं है.

अगर कोई सरकारी मुलाज़िम.. अपराधियों का पक्ष लेता है.. तो उसकी नौकरी चली जाती है.. लेकिन जब कोई नेता या विधायक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. इसीलिए आज हम ये कहना चाहते हैं कि अगर जनता द्वारा चुना गया विधायक आतंकवादियों से हमदर्दी जताता है .. या उनके साथ भाईचारा निभाता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए. 

वैसे आज हमारे पास कुछ ऐसी जानकारियां भी हैं जो आतंकवादियों की भक्ति करने वालों को अच्छी नहीं लगेंगी. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से हमें ये जानकारी मिली है, कि ISI...भारत और पाकिस्तान की सीमा पर भारतीय सेना और BSF की जवाबी कार्रवाई से घबराई हुई है. सीज़फायर उल्लंघन के बाद भारत की तरफ से जब भी जवाबी कार्रवाई होती है, तो पाकिस्तान को जान-माल का भारी नुकसान होता है. 

सूत्रों के मुताबिक ISI,  आतंकवादियों वाली Border Action Team और Snipers की मदद से भारत के सुरक्षाबलों पर हमला ना कर पाने से परेशान है. 
उसे इस बात की चिंता रहती है, कि अगर उन्होंने ऐसी कोई भी कार्रवाई की...तो भारत के सुरक्षाबल करारा जवाब देंगे. सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ISI ने कई आतंकवादी संगठनों और पाकिस्तान की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक गुप्त Meeting की है. ये Meeting रावलपिंडी में हुई है. 

और आपको ये जानकर अच्छा लगेगा, कि इस Meeting में लश्कर-ए-तैय्यबा और दूसरे आतंकवादी संगठनों ने इस बात पर चिंता जताई है...कि कश्मीर घाटी में उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है. ISI और पाकिस्तान की सेना इस बात को लेकर हैरान है, कि Line Of Control और International Border पर, भारत के सुरक्षाबल.. पाकिस्तान के हर हमले का इतना दमदार जवाब कैसे दे रहे हैं ?

ISI को अब इस बात की फिक्र सता रही है....कि भारतीय सेना Surgical Strike करने में...और सीमा पार करके आतंकी Camps को तबाह करने में संकोच नहीं करती. कुल मिलाकर बात ये है कि आतंकवादियों के बहुत बुरे दिन चल रहे हैं.. और ये बुरा वक़्त आगे भी ख़त्म नहीं होगा.

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