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Mob Lynching case in Alwar: अलवर के गोविंदगढ़ में चिरंजी लाल हत्याकांड में आज परिजनों व स्थानीय लोगों ने दिनभर रोड जाम व बाजार बंद रख कर आक्रोश जताया. पुलिस ने इस मामले में सात लोगो को गिरफ्तार किया है. इनमें असद खां पुत्र मकबूल खां, स्याबु पुत्र असरफ खां, साहुन पुत्र जुम्मे खां, तलीम पुत्र यासीन खां, कासम पुत्र साहबदीन, पोला उर्फ ताफीक पुत्र रुजदार व विक्रम खां पुत्र जुम्मे खां को प्रयुक्त स्कॉर्पियो गाड़ी सहित गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपी अलवर सदर थाना क्षेत्र के उलाहेड़ी गांव के निवासी हैं.
शव को रख जाहिर कीं अपनी मांगें
दिनभर चले प्रदर्शन में इस मामले को मॉब लिंचिंग की धाराओं के तहत दर्ज करने की मांग करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी व परिवार को सरकारी नौकरी सहित आर्थिक मुआवजा दिए जाने की मांग करते हुए शाम तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल अलवर के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के रामबास में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया. यहां दो दिन पूर्व सुबह शौच के लिए घर से बाहर निकले चिरंजी लाल सैनी पर अचानक कई गाड़ियों में भरकर आए करीब 15 से 20 लोगों ने हमला कर दिया, जिससे चिरंजी लाल गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे जयपुर रैफर कर दिया गया. जहां इलाज के दौरान सोमवार को चिरंजी लाल की मौत हो गई.
चिरंजी लाल की मौत की खबर फैलते ही क्षेत्र में तनाव बढ़ गया. जानकारी के अनुसार आरोपी जाति विशेष के होने के चलते क्षेत्र में एक बार फिर हिन्दू मुस्लिम और मॉब लिंचिंग मामला होने के चलते पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद हो गया. चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए, एसपी तेजस्वीनी के निर्देश पर एएसपी सरिता सिंह, सीओ कमल प्रसाद मीणा, थाना अधिकारी गोविंदगढ़, रामगढ़ सहित एसडीएम ने भी मोर्चा संभाला.
प्रदर्शनकारियों ने रखी ये मांग
शव के गोविंदगढ़ पहुंचने के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने दिनभर चिरंजीलाल सैनी की हत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी व मामले को मॉब लिंचिंग में मामला दर्ज करने सहित पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद सहित सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग रखी. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों के न पहुंचने पर भी आक्रोश जताया, भाजपा नेता सुखवंत सिंह ने यहां सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ तुष्टिकरण के आरोप लगाए.
भाजपा नेता सुखवंत सिंह ने कहा कि मंगलवार को दिनभर शव के अंतिम संस्कार के लिए चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए एएसपी सरिता सिंह, एसडीएम लक्ष्मणगढ लाखन सिंह गुर्जर, सीओ कमल प्रसाद मीणा ने लोगो को समझाइश की. लेकिन परिजन व ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे. इस मामले में भाजपा नेता ज्ञानदेंव आहूजा का कहना है कि सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. यही घटना किसी विशेष समुदाय के साथ होती तो प्रशासन व सरकार किसी और तरीके से काम करती. उन्होंने कहा इस मामले में मॉब लिंचिंग की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तुरंत प्रभाव से गिरफ्तारी हो और पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी व आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराएं नहीं तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा.
गतिरोध को समाप्त करने के लिए पीड़ित परिवार द्वारा दी गई मांगो का ज्ञापन उच्च अधिकारियों को तत्काल भेज दिया गया और जिलाधीश अलवर के द्वारा पीड़ित पक्ष को 5 लाख रुपये की तत्काल पीड़ित प्रतिकर सहायता राशि दिए जाने की बात कही. वहीं 50 लाख और सरकारी नौकरी की मांग को उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया गया है.
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