चीन के सामने झुकने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं मोदी : राहुल गांधी
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चीन के सामने झुकने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं मोदी : राहुल गांधी

गांधी ने एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ हमारे प्रधानमंत्री ने ‘बिना एजेंडा’ के चीन की यात्रा की.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन को लेकर एक बार फिर पीएम मोदी पर साधा निशाना (फोटो- पीटीआई)

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन को ध्यान में रखकर सेना का एक कोर गठित करने का प्रस्ताव कथित तौर पर ठंडे बस्ते में डाले जाने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और दावा किया कि आजाद भारत के इतिहास में मोदी को छोड़कर कोई दूसरा प्रधानमंत्री विदेशी ताकत के सामने नहीं झुका. गांधी ने एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ हमारे प्रधानमंत्री ने ‘बिना एजेंडा’ के चीन की यात्रा की. इसमें ‘चीन का गुप्त एजेंडा’ था जो अब सामने आ रहा है.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री विदेशी ताकत के दबाव में नहीं झुका, लेकिन यह प्रधानमंत्री झुके हैं. यह भाजपा का राष्ट्रवाद है जो सबके सामने आ चुका है.’’ 

 

अपने इस ट्वीट के साथ ही राहुल गांधी ने जो खबर शेयर की है जिसमें कहा गया है कि विशेष रूप से चीन को ध्यान में रखते हुए सेना ने ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ के गठन की योजना बनाई थी लेकिन वित्तीय अभाव के चलते इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.

इससे पहले 27 अप्रैल को भी राहुल गांंधी ने पीएम मोदी पर चीन को लेकर निशाना साधा था. उस वक्त चीन यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया था. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी को चीन के साथ दो अहम मुद्दों की याद दिलाई थी, जिस पर दोनों देशों के बीच बात होना जरूरी है. 

राहुल ने ट्वीट कर कहा था...
प्रिय प्रधानमंत्री

आपकी चीन की यात्रा "नो एजेंडा" का लाइव प्रसारण देखा

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1. डोकलाम विवाद
2. चीन पाकिस्तान इको कॉरिडोर पीओके के माध्यम से गुजरता है. वह भारतीय क्षेत्र है.

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आपको बता दें भारत और चीन की सेनाओं की तुलना के बीच हमें इस इस सच्चाई को मानना होगा कि चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना है. साल 2017 में चीन ने अपने रक्षा बजट में 152 बिलियन डॉलर का प्रावधान किया है, वहीं भारत का रक्षा बजट 53.5 बिलियन डॉलर का है. यह भी सच है कि सैनिकों की संख्या हो,लड़ाकू विमानों की संख्या हो या फिर टैंको की संख्या हो, चीन भारत से इक्कीस है.

(इनपुट भाषा से)

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