संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विदायी दी. संसद के सेंट्रल हॉल में मुखर्जी को विदायी दी गयी. अपने विदायी भाषण में मुखर्जी ने कहा कि 'अगर मैं यह कहूं कि इस संसद ने मुझे बनाया है तो इसे अशिष्टता नहीं माना जाएगा.' इस मौके पर लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित एक पुस्तक मुखर्जी को भेंट की.
Trending Photos
नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विदायी दी. संसद के सेंट्रल हॉल में मुखर्जी को विदायी दी गयी. अपने विदायी भाषण में मुखर्जी ने कहा कि 'अगर मैं यह कहूं कि इस संसद ने मुझे बनाया है तो इसे अशिष्टता नहीं माना जाएगा.' इस मौके पर लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित एक पुस्तक मुखर्जी को भेंट की.
अपने विदायी भाषण में राष्ट्रपति ने कहा, 'यदि मैं यह कहूं कि इस संसद ने मुझे बनाया है तो इसे अशिष्टता के रूप में नहीं लिया जाएगा.' मुखर्जी ने अपने विदायी भाषण में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की प्रशंसा की. जीएसटी की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि गत 1 जुलाई से देश भर में जीएसटी का लागू होना संघीय सहयोग का बेहतरीन उदाहरण है. यह भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता को दर्शाता है.
LS Speaker presented a book signed by MPs and her speech to President Mukherjee during farewell ceremony hosted in Parliament's Central Hall pic.twitter.com/Lt6FnBbdcv
— ANI (@ANI_news) 23 July 2017
मुखर्जी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद का जो समय विधायी कार्यों में लगना चाहिए उसमें कमी आयी है. राष्ट्रपति मुखर्जी ने संसद के एक सदस्य के तौर पर अपने दिनों को याद करते हुए कहा, संसद बहस, चर्चा, असहमति व्यक्त करने का स्थान होता है. राष्ट्रपति मुखर्जी ने विदाई देने के लिए सांसदों को धन्यवाद दिया.
Recent passage of GST & its launch on July 1 is shining example of cooperative federalism& speaks volumes for maturity of India's Parl: Prez pic.twitter.com/CmEbWfej8a
— ANI (@ANI_news) 23 July 2017
विदाई समारोह में 81 वर्षीय मुखर्जी का स्वागत उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने किया.
सुमित्रा ने अपने संबोधन ने कहा, ‘यह हम सभी के लिए राष्ट्रपति मुखर्जी के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने का एक सुअवसर है.’ अंसारी ने मुखर्जी की ‘भारत के विचार में उनके अटल विश्वास’ के लिए प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने अक्सर लोगों से स्वयं को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने देश की ‘सबसे बड़ी ताकत’ के तौर पर बहुलवाद और विविधता पर जोर दिया.
मुखर्जी ने जिस तरह से राष्ट्रपति की भूमिका निभायी उसके लिए अंसारी ने उनकी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने शीर्ष पद की काफी प्रतिष्ठा और गरिमा बढ़ाई. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके विचारों ने इस पद का कद बढ़ाया है.’ निवर्तमान राष्ट्रपति ने विदाई समारोह के लिए सांसदों के प्रति अभार व्यक्त किया.
संसद में कार्यवाही बार-बार बाधित करने से बचें सांसद : प्रणब
मुखर्जी ने कहा, ‘स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमने देश में भाईचारा, प्रतिष्ठा और एकता बढ़ाने का बीड़ा उठाया. ये देश के आदर्श बन गए.’ उन्होंने सांसदों से कहा कि वे संसद में कार्यवाही बार-बार बाधित करने से बचें क्योंकि इससे विपक्ष को अधिक नुकसान होता है.
उन्होंने कहा, ‘संसद में रहते हुए मैंने यह जाना कि संसद बहस, चर्चा, असहमति व्यक्त करने का स्थान होता है. मैंने यह भी जाना कि संसद की कार्यवाही बाधित होने से सबसे अधिक नुकसान विपक्ष को होता है.’ मुखर्जी ने यह भी कहा कि सरकार को अध्यादेश का रास्ता अपनाने से बचना चाहिए क्योंकि इसे अपरिहार्य परिस्थिति के लिए बचाकर रखना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘यह रास्ता ऐसे मामलों में नहीं अपनाना चाहिए जो कि (संसद में) चर्चा के लिए विचारार्थ हो.’ मुखर्जी ने कहा, ‘राष्ट्रपति के तौर पर मैंने संविधान की रक्षा और संरक्षण करने का प्रयास न केवल शाब्दिक अर्थों में बल्कि पूरी तरह से किया.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस भव्य इमारत से खट्टी-मिट्ठी यादों और इस सुकून के साथ जा रहा हूं कि मैंने इस देश के लोगों की उनके एक सेवक के तौर पर सेवा की.’
मुखर्जी ने पीएम मोदी की कार्यशैली की प्रशंसा की
मुखर्जी ने कहा कि वह हर कदम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परामर्श और सहयोग से लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी पूरे उत्साह और कर्मठता से देश में परिवर्तन लाने का कार्य कर रहे हैं और वह मोदी के स्नेहपूर्ण और शालीन व्यवहार और सहचर्य की मधुर यादें अपने साथ लेकर जायेंगे. उपराष्ट्रपति अंसारी ने कहा कि मुखर्जी ने भारत के सर्वोच्च पद को सुशोभित करके इसे और अधिक गरिमा और विशिष्टता प्रदान की है. अंसारी ने कहा कि भारत के प्रति दृढ़ विश्वास के साथ-साथ हमारे राष्ट्रीय जीवन, संसदीय संस्थानों तथा राजनैतिक संवाद को समृद्ध बनाने में मुखर्जी का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने एक सांसद के रूप में मुखर्जी के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने संसद में लोक महत्व के मामलों पर विद्वतापूर्ण ढंग से वाद-विवाद और चर्चा के स्तर को ऊपर उठाने के कड़े प्रयास किए.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपति मुखर्जी के विदायी सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया. प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)