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Theory Of Forensic Science: बीते शुक्रवार को मुंडका की एक बिल्डिंग में लगी आग की वजह से अब तक 27 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. 29 लोग ऐसे हैं जो अभी भी लापता हैं. मारे गए 27 लोगों में से 8 की पहचान होने के बाद, 19 लोग ऐसे हैं जिनको 29 लापता (Missing) लोगों की श्रेणी में रखा गया है. लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो अपनों को ढूंढते हुए अस्पताल और अलग-अलग जगहों की ठोकरे खा रहे हैं. लापता हुए उन लोगों की पहचान करने के लिए पुलिस (Police) ने रोहिणी की फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री को उन सभी मानव अवशेष का डीएनए करने का अनुरोध किया है जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.
मुंडका में हुए भीषण अग्निकांड के बाद अगले दिन पहुंची एफएसएल (FSL) की टीम जब फोरेंसिक एविडेंस जुटाने के लिए पहुंची तो चारों तरफ राख ही राख थी. ऐसे में मानव अवशेष जुटाना बेहद मुश्किल था. लेकिन इसी बीच फोरेंसिक साइंस के एक्सपर्ट (Forensic Science Expert) ने देखा कि बिल्डिंग में जगह-जगह मक्खियां किसी राख के ढेर के ऊपर बैठी हुई थीं. बुरी तरह जल चुके मानव शरीर की पहचान करने के लिए एफएसएल के साइंटिस्ट ने उसी जगह से सैंपल उठाए जहां मक्खियां ज्यादा मंडरा रही थीं.
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एफएसएल के डिप्टी डायरेक्टर एस के गुप्ता (SK Gupta) के मुताबिक साइंटिफिक प्रमाणिकता ना होने के बावजूद मक्खियां (Flies) हमेशा उस जगह पर बैठती हैं जहां जख्मी मानव अवशेष (Human Remains) होते हैं. उन सभी जगहों से एफएसएल ने 100 से ज्यादा सैंपल उठाए हैं, जहां मारे गए लोगों के अंग अलग-अलग टुकड़ों में मिले हैं.
मुंडका अग्निकांड के बाद अब फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री यानी एफएसएल पर मरे हुए लोगों की पहचान खोजने की जिम्मेदारी है. इसलिए एफएसएल ने अब तक लापता हुए लोगों के 100 से ज्यादा परिजनों के ब्लड सैंपल (Blood Sample) लिए हैं ताकि डीएनए (DNA) प्रोफाइलिंग करने के दौरान किसी तरह की चूक ना हो.
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एफएसएल ने अग्निकांड में मारे गए लोगों की डीएनए प्रोफाइलिंग (DNA Profiling) करने के लिए अपनी 25 से ज्यादा लोगों की टीम को लगाया हुआ है. इससे जल्द से जल्द सभी लोगों की डीएनए प्रोफाइलिंग करके मरने वाले लोगों की बॉडी को उसके परिवार (Family) के सुपुर्द किया जा सकेगा. हालांकि डीएनए के मिलान करने में कुछ मुश्किल जरूर आती है लेकिन इसके बावजूद एफएसएल रोहिणी ये पूरा काम जल्दी से निपटाने की कोशिश कर रही है.
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