ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश लाएगी केंद्र सरकार, कैबिनेट की बैठक में मिली मंजूरी
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ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश लाएगी केंद्र सरकार, कैबिनेट की बैठक में मिली मंजूरी

सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई. यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : देश में तीन तलाक के बढ़ते हुए मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने तय कर लिया है कि वह मुस्लिम महिलाओं को इस डर से निजात दिलाकर रहेगी.  मॉनसून सत्र में तीन तलाक विधेयक के संसद में अटके रहने के कारण इस मसले पर अध्यादेश लाने के लिए सरकार को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. 

  1. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश लाने पर लगी मुहर
  2. मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार तीन तलाक पर विधेयक लाई थी
  3. लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में अटक गया था बिल

बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई. यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा, तब तक सरकार को इसे पारित कराना होगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस अध्यादेश के लागू होने के बाद केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में इसे पारित कराने की कोशिश कर सकती है.

अब तक केंद्र सरकार ने इतने मामले किए दर्ज-प्रसाद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट के फैसले के  बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में बिल पास न होने के कारण सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2017 से 13 सितंबर 2018 तक 4330 के मामले दर्ज किए हैं और इस पर कार्रवाई कर रही है. 

आदेश के बावजूद तीन तलाक के मामले बढ़ें
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वोट बैंक के कारण पार्टी ने राज्यसभा में बिल को पास नहीं होने दिया. उन्होंने पार्टी की पूर्व अध्यक्ष से सवाल करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने आखिरकार तीन तलाक के मुद्दे पर चुप क्यों रहीं? उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान सरकार ने कई बार कांग्रेस को तीन तलाक पर मनाने की कोशिश की, लेकिन हर बार नाकामयाब रही.

लोकसभा में पास, राज्यसभा में अटका है विधेयक
उल्लेखनीय है कि देश में तीन तलाक के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने कहा था कि वह इस पर विधेयक लेकर आए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने विधेयक तो बनाया, लेकिन मॉनसून सत्र के दौरान इसे लोकसभा से पारित होने के बाद यह राज्यसभा में लंबित है. विपक्ष इसमें कुछ संशोधन चाहता था.

तीन तलाक विधेयक पारित नहीं होने के लिए कांग्रेस, राहुल जिम्मेदार : बीजेपी

दरअसल, राज्यसभा में मॉनसून सत्र के अंतिम दिन तीन तलाक विधेयक पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था. बीते 15 अगस्‍त को भी कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसे कुछ लोग हैं जिन्होंने तीन तलाक विधेयक को संसद में हाल में समाप्त हुए मॉनसून सत्र के दौरान पारित होने नहीं दिया. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को भरोसा दिया कि उनकी सरकार उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रथा पर लगाई थी रोक
उल्लेखनीय है कि इसी साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस कुप्रथा पर रोक लगाने का आदेश दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद देशभर में यह प्रथा अब भी जारी है इसलिए इसे दंडनीय अपराध बनाने की खातिर विधेयक लाया गया.

मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है तीन तलाक-पीएम मोदी
मोदी ने लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था, "तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं." उन्होंने कहा कि तीन तलाक प्रथा को खत्म करने के लिए कैबिनेट द्वारा कुछ संशोधनों को मंजूरी देने के बाद उनकी सरकार ने हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र में संसद में विधेयक लाने का प्रयास किया.

 

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