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तिरूवनंतपुरम : कांग्रेस की केरल इकाई ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र (केसरी) में प्रकाशित एक लेख को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की है जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को नीचा दिखाने की कोशिश की गयी है।
केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव सूरानद राजशेखरन की ओर से इस बारे में कार्रवाई किए जाने की मांग पर राज्य के गृह मंत्री रमेश चेन्नीतला ने डीजीपी के एस बालसुब्रमण्यम से इस मुद्दे पर गौर करने तथा आवश्यक होने पर कार्रवाई करने को कहा है।
बहरहाल, साप्ताहिक पत्रिका के संपादक ने इस लेख का समर्थन करते हुए कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
लेख भाजपा की राज्य समिति के सदस्य बी गोपालकृष्णन ने लिखा है। इसमें कहा गया है कि ‘वास्तव में नेहरू देश के विभाजन तथा गांधी की हत्या सहित अन्य त्रासदियों के लिए जिम्मेदार थे।’ इसमें यह भी कहा गया है कि नेहरू एक ‘स्वार्थी’ नेता थे जिन्होंने देश के विभाजन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य गांधी से छिपाए थे और बातचीत के अंतिम दौर से उन्हें अलग रखा था।
इस लेख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष वी एम सुधीरन ने कहा कि यह संघ परिवार का इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश करने और नेहरू को अपमानित करने का एक और प्रयास है। आरोपों पर प्रतिक्रिया में केसरी के संपादक एन आर मधु ने कहा कि यह कांग्रेस नेताओं द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया जाना है। मधु ने कहा ‘यह पहली बार नहीं है जब हम विभाजन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर नेहरू की नीतियों और उनके दृष्टिकोण की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन लेख में दूर दूर तक कहीं यह सुझाव नहीं दिया गया है कि नेहरू की हत्या की जानी चाहिये थी।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस नेताओं की यह दिखाने की कोशिश है कि आरएसएस और भाजपा का विरोध करने में वे माकपा की तुलना में ज्यादा आगे हैं।
मधु ने कहा ‘कन्नूर जिले के कथीरूर में संघ के कार्यकर्ता इलामथोट्टाथिल मनोज की हत्या के मामले की ओमेन चांडी सरकार ने सीबीआई से जांच कराने का फैसला किया। इसके बाद माकपा कांग्रेस पर आरएसएस के प्रति नरम रवैया रखने का आरोप लगा रही है। अब कांग्रेस इस मुद्दे पर ज्यादा आक्रामक रूप अपना कर तथा तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर इस आलोचना को कुंद करना चाहती है।’