ले.कर्नल पुरोहित को रिहा होने के बाद मिली पोस्टिंग, लेकिन नहीं मिलेंगे ये सुविधायें!
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ले.कर्नल पुरोहित को रिहा होने के बाद मिली पोस्टिंग, लेकिन नहीं मिलेंगे ये सुविधायें!

उनकी आवाजाही पर भी कुछ प्रतिबंध होंगे यानी कुल मिलाकर वह ओपेन अरेस्ट रहेंगे. वहीं, सेना के सूत्रों का कहना है कि आतंकियों से पुरोहित की जान का खतरा है इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं.

किसी भी तरह के आतंकी हमले से सुरक्षा के लिए कर्नल पुरोहित को मजबूत सुरक्षा में रखा गया है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: मालेगांव धमाके के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित जेल से रिहा हो गए हैं. उन्हें लेने के लिए सेना की तीन गाड़ियां तलोजा जेल पहुंची थीं. तालोजा जेल से रिहा होने के बाद सेना की दक्षिण कमान यूनिट (खुफिया विंग) को रिपोर्ट की. हालांकि कर्नल पुरोहित पर अनुशासनात्मक और निगरानी (डिसिप्लिनरी एंड विजिलेंस) प्रतिबंध लागू रहेगा यानी वह निलंबन के तहत यूनिट में रहेंगे. उनको किसी सक्रिय ड्यूटी पर नहीं तैनात किया जाएगा.

  1. पुरोहित ने कहा था कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं
  2. ले. कर्नल पुरोहित ने कहा कि सेना ने मेरी इज्जत कम नहीं होने दी
  3. ले. कर्नल पुरोहित बिना कोर्ट की अनुमित के विदेश नहीं जा सकेंगे
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उनकी आवाजाही पर भी कुछ प्रतिबंध होंगे यानी कुल मिलाकर वह ओपेन अरेस्ट रहेंगे. वहीं, सेना के सूत्रों का कहना है कि आतंकियों से पुरोहित की जान का खतरा है.इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं. पुरोहित ने सत्र न्यायालय के बाहर पत्रकारों से कहा था कि मैं अपनी वर्दी पहनना चाहता हूं. यह मेरी त्वचा की ऊपरी परत है. उन्होंने कहा, मेरे दो परिवार हैं- सेना और मेरा परिवार जिसमें मेरी पत्नी,मेरे दो बेटे,बहन और मां हैं. मैं उनसे मिलने के लिए बेताब हूं.

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पुरोहित ने कहा कि सेना ने मेरी इज्जत कम नहीं होने दी. उन्होंने कहा, सेना की यह परम्परा और प्रकृति रही है कि वह अपने लोगों की इज्जत कम नहीं होने देती. मैंने यह एक बार भी महसूस नहीं किया कि मैं सेना से बाहर हो जाऊंगा. उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई में मदद के लिए अपनी पत्नी की प्रशंसा की.

मंगलवार को कर्नल पुरोहित ने कहा था कि वह बाहर आने पर काफी खुश हैं.वह आगे भी देश की सेवा करना चाहते हैं. 2008 में हुए इस ब्लास्ट में छह लोग मारे गए थे. पुरोहित को सशर्त जमानत दी गई है.

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किसी भी तरह के आतंकी हमले से सुरक्षा के लिए कर्नल पुरोहित को मजबूत सुरक्षा में रखा गया है. वह पुणे स्थित सेना की पेरेंट यूनिट जा सकते हैं. वहीं, कर्नल पुरोहित बिना कोर्ट की अनुमित के विदेश नहीं जा सकेंगे. पुरोहित नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद थे. इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिक रद्द कर दी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी.

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