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नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि समुचित एजेंडा पर आधारित भाजपा के खिलाफ अधिकतम विपक्षी एकजुटता की जरूरत है। उन्होंने नोटबंदी को लेकर आलोचनात्मक रूख लिया है जिसके बारे में उनका मानना है कि बिना तैयारी के यह किया गया।
शुरूआत में नोटबंदी के फैसले का समर्थन करने के बाद कुमार ने पहली बार इसकी आलोचना करते हुए कहा कि बिना तैयारी के यह किया गया और भाजपा सरकार पर परिप्रेक्ष्य बदल कर ‘बांटने की राजनीति’ में लिप्त होने का आरोप लगाया।
महत्वपूर्ण है कि वह राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर भी प्रतिकूल नहीं प्रतीत हो रहे क्योंकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को एजेंडा सेट करने में नेतृत्व करना चाहिए और भाजपा को ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाए। विपक्षी एकजुटता पर कुमार की टिप्पणी माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने साझा की। उन्होंने कहा कि ऐसी एकता समान कार्यक्रम के आधार पर होना चाहिए ना कि शख्सियत के आधार पर।
उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की लिखी गयी किताब ‘फीयरलेस इन अपोजिशन’ के विमोचन अवसर पर सामूहिक परिचर्चा में भागीदारी की। यह किताब ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित उनके आलेखों का दूसरा संग्रह है । इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गांधी के अलावा विभिन्न दलों के नेताओं ने शिरकत की।
बिहार के मुख्यमंत्री ने आज नोटबंदी पर मनमोहन सिंह की आलोचना से सहमति जताते हुए कहा कि यह एक बहुत बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा यह तथ्य है। नोटबंदी का फैसला सरकार ने बिना किसी तैयारी के किया गया कदम था।