गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे? बाबा के बक्से में मिली नेताजी की 'फैमिली फोटो'!
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गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे? बाबा के बक्से में मिली नेताजी की 'फैमिली फोटो'!

यूपी में फैजाबाद के रहस्यमयी गुमनामी बाबा के नेताजी सुभाष चंद्र बोस होने की अटकलों को और बल मिल है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुमनामी बाबा के आखिरी बक्से में नेताजी की फैमिली फोटो भी मिली है। गौर हो कि कोर्ट के आदेश के बाद पिछले करीब 2 हफ्तों से गुमनामी बाबा के सामान के बॉक्स खोले जा रहे है। मंगलवार को उनका आखिरी बक्सा खोला गया जिसमें नेताजी की फैमिली फोटो मिली है। गुमनामी बाबा के 26वें बक्से से नेताजी से जुड़े जो सामान मिल रहे हैं वो बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे? बाबा के बक्से में मिली नेताजी की 'फैमिली फोटो'!

नई दिल्ली: यूपी में फैजाबाद के रहस्यमयी गुमनामी बाबा के नेताजी सुभाष चंद्र बोस होने की अटकलों को और बल मिला है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुमनामी बाबा के आखिरी बक्से में नेताजी की फैमिली फोटो भी मिली है। गौर हो कि कोर्ट के आदेश के बाद पिछले करीब 2 हफ्तों से गुमनामी बाबा के सामान के बॉक्स खोले जा रहे है। इसी क्रम में मंगलवार को उनका आखिरी बक्सा खोला गया जिसमें नेताजी की फैमिली फोटो मिली है। गुमनामी बाबा के 26वें बक्से से नेताजी से जुड़े जो सामान मिल रहे हैं वो बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

 

इन तस्वीरों में नेताजी के माता-पिता जानकीनाथ बोस और प्रभावती बोस और परिवार के लोग दिखाई दे रहे हैं। गुमनामी बाबा के आखिरी बक्से से तमाम ऐसे खत भी मिले हैं जो आजाद हिंद फौज के कमांडर और अन्य अधिकारियों ने उन्हें लिखे थे। इसमें प्रमुख तौर पर आजाद हिंद फौज के कमांडर बताए जा रहे पवित्र मोहर राय का वो पत्र भी शामिल है, जिसमें गुमनामी बाबा को कभी स्वामी, तो कभी भगवन कहकर संबोधित किया गया है। गौर हो कि फैजाबाद में सरयू नदी के किनारे गुप्तार घाट में गुमनामी बाबा की समाधि है। 18 सितंबर 1985 में गुमनामी बाबा के निधन के बाद यहीं उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

 

गुमनामी बाबा के बक्से और झोले से मिले सामानों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी होगी, फिर उनकी इन्वेंट्री बनाई जाएगी। उसके बाद टेक्नोलॉजी कमेटी इन सामानों को टेस्ट करेगी। फिर इन्हें अयोध्या में बने इंटरनेशनल रामकथा म्यूजियम में रखा जाएगा। यह पूरी कवायद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के तहत की जा रही है। गौर हो कि सरकारी दस्तावेज के मुताबिक नेताजी की मृत्यु हवाई दुर्घटना में हुई थी हालांकि इस बात के अभी तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 23 जनवरी को उनसे जुड़े सभी दस्तावेज को सार्वजानिक कर दिया था।

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