NGT: स्कूलों-कॉलेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने के निर्देश, नहीं तो लगेगा 5 लाख का जुर्माना
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NGT: स्कूलों-कॉलेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने के निर्देश, नहीं तो लगेगा 5 लाख का जुर्माना

एनजीटी ने दिल्ली के सभी स्कूल-कॉलेजों को बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के आदेश जारी किए हैं. 

दिल्ली में गिरते जमीनी पानी के स्तर पर एनजीटी ने चिंता जाहिर की है

नई दिल्ली: एनजीटी ने जमीन में गिरते पानी के स्तर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. एनजीटी ने दिल्ली के सभी स्कूल-कॉलेजों को बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के आदेश जारी किए हैं. इस काम के लिए स्कूल-कॉलेजों को दो महीने का समय दिया गया है. दो महीने के बाद जिस स्कूल या कॉलेज में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं पाया गया तो उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. एनजीटी ने यह फैसला एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुनाया. स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट की जांच के लिए एनजीटी ने एक कमेटी भी गठित की है. कमेटी में जल बोर्ड, दिल्ली सरकार, शिक्षा विभाग आदि के अधिकारी होंगे, जो समय-समय पर स्कूलों में जाकर वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट की जांच करेंगे. 

  1. एक याचिका पर सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिए निर्देश
  2. दिल्ली के स्कूल-कॉलेज लगाएंगे रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्लांट
  3. प्लांट नहीं लगाने वाले स्कूलों पर लगेगा 5 लाख का जुर्माना
  4.  

रेन वाटर हार्वेस्टिंग: पक्के कंकरीट में तब्दील होती जमीन के कारण बारिश का पानी जमीन ने जाकर नालियों में बहकर बर्वाद हो जाता है. जमीन से पानी का दोहन तो लगातार हो रहा है, इससे धरती की कोख सूख रही है. वैज्ञानिकों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तकनीक से बारिश के कुछ पानी को वापस जमीन में डालने का काम शुरू किया. इस तकनीक से तालाब आदि के मुकाबले ज्यादा पानी जमीन में जाता है.

वर्षा जल सतही अपवाह के रूप में बहकर नष्ट हो जाने से पहले सतह पर या उप सतही एक्वेफर में संचित किए जाने की तकनीक को रेन वाटर हार्वेस्टिंग कहा जाता है. भूमि जल का कृत्रिम रिचार्ज वह प्रक्रिया है, जिससे भूमि जल और जलाशय का प्राकृतिक स्थिति में भंडारण की दर से ज्यादा भंडारण होता है. इसमें छत आदि पर जमा होने वाले बारिश के पानी को पाइप के सहारे जमीन में भेजा जाता है. 

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