राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी मुकेश कुमार की मां की याचिका को खारिज कर दिया है.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी मुकेश कुमार की मां की याचिका को खारिज कर दिया है. मुकेश की मां ने एनएचआरसी में याचिका दायर कर फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. निर्भया मामले में जेल में मरे निर्भया गैंगरेप और हत्या कांड में फांसी की सजा पा चुके चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जानी है. मौत की सजा से बचने के लिए दोषियों की तरफ से हर हथकंडा अपनाया जा रहा है. दोषियों के वकील एपी सिंह मंगलवार को फांसी की सजा पर रोक की मांग के साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचे थे.
बता दें कि निर्भया मामले के दोषी कई बार अपनी फांसी को टलवा चुके हैं. इससे पहले चारों दोषियों के परिजनों ने राष्ट्रपति से अपने लिए इच्छा मृत्यु की मांग की थी. कुल 13 लोगों ने राष्ट्रपति से ये मांग की. इसमें मुकेश के परिवार के 2, पवन-विनय के 4-4 और अक्षय के परिवार के 3 सदस्य शामिल हैं.
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हालांकि कानूनी तौर पर इस चिट्ठी का कोई मतलब नहीं है और कानून में ऐसी इच्छा मृत्यु का प्रावधान भी नहीं है. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी कर दिया है. दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जाएगी.
निर्भया के गुनहगारों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी. इससे पहले कोर्ट ने तीन बार डेथ वारंट जारी किया था. दोषियों की फांसी तीन बार टली. दोषी अंतिम समय तक कानूनी पैंतरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन पवन की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के बाद चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं. ऐसे में 20 मार्च को सुबह 05.30 बजे दी जाने वाली फांसी का रास्ता साफ हो गया है.