सीतारमण बुधवार को रामनाथपुरम जिले में द्रमुक कार्यकर्ताओं के काला झंडा प्रदर्शन के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रही थीं.
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मदुरै: कावेरी मुद्दे पर द्रमुक कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए जाने के एक दिन बाद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि वह इस तरह के प्रदर्शनों की परवाह नहीं करतीं. उन्होंने कहा, ‘यह विपक्षी दल का काम है ... वे यह कर रहे हैं.’ सीतारमण बुधवार को रामनाथपुरम जिले में द्रमुक कार्यकर्ताओं के काला झंडा प्रदर्शन के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रही थीं. द्रमुक कार्यकर्ता कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन न किए जाने को लेकर केंद्र की निन्दा कर रहे थे.
प्रदर्शनों के दौरान रक्षामंत्री की कार पर चप्पल और पत्थर फेंके गए. पुलिस ने बताया कि पत्थर वाहन के पिछले हिस्से में लगे. हालांकि वाहन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और मंत्री ने अपनी यात्रा जारी रखी. इससे पहले उन्होंने यहां प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर में दर्शन किए और पूजा - अर्चना की. मंदिर के मंडपम को फिर से बनाए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि यदि संपर्क किया जाता है तो केंद्र तमिलनाडु सरकार की मदद करेगा. मंडपम पिछले साल फरवरी में एक अग्नि हादसे में नष्ट हो गया था.
मंत्री ने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि वसंतरयार मंडपम फिर से अपना वास्तविक वैभव और भव्यता प्राप्त करे. मैंने तमिलनाडु सरकार के साथ मामले पर चर्चा की है ... यदि राज्य सरकार आग्रह करती है तो केंद्र पुन : निर्माण के कार्य में सहायता उपलब्ध कराने का इच्छुक है.’ उन्होंने कहा, ‘मीनाक्षी मंदिर एक अद्वितीय और विशिष्ट तीर्थयात्रा स्थल है ... इसके वैभव की रक्षा करना केंद्र और राज्य सरकारों का दायित्व है.’ मंदिर परिसर में दो फरवरी की रात भीषण आग लग गई थी जिसमें पूजा का सामान और खिलौने बेचने वाली 40 दुकान जल गई थीं.
ग्राम स्वराज अभियान कार्यक्रम के तहत देश के गांवों में कराए गए विकास कार्यों के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में रामनाथपुरम और विरुधनगर जिलों में 69 गांवों को योजना का लाभ मिला. मंत्री ने उल्लेख किया कि कार्यक्रम को कुल 1,467 गांवों में क्रियान्वित किया गया. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि ग्राम स्वराज अभियान कार्यक्रम के तहत सभी ग्रामीण विकास कार्यों को पांच मई तक पूरा कर लिया जाएगा.
(इनपुट - भाषा)