शुक्रवार को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के लिए सदन में ना तो प्रश्नकाल होगा और ना ही Lunch Break होगा. यहां तक कि पेश होने निजी विधेयक का समय भी अगले सप्ताह तक के लिये टाल दिया गया है.
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नई दिल्लीः लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ शुक्रवार (20 जुलाई) को विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को लोकसभा में पार्टी का पक्ष रखेंगे, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस ने समर्थन दिया है और राहुल गांधी का लोकसभा में बोलना तय हो गया है. इससे पहले सोनिया गांधी ने कह दिया था कि विपक्ष के पास नंबर हैं और वह सरकार को लोकसभा में defeat कर देगी. विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बीजेपी को 3 घंटे 33 मिनट का समय दिया गया है जबकि कांग्रेस को 38 मिनट का समय अलॉट हुआ है.
किस पार्टी को मिला है कितना समय
लोकसभा में किस पार्टी को कितना समय दिया जाए यह उस दल की संख्या पर निर्भर करता है. जैसे इस समय बीजेपी के सबसे ज्यादा सदस्य लोकसभा में है. इसलिए उसे सबसे ज्यादा समय दिया गया है. दूसरे नंबर जिस दल की संख्या होती है उसे उतना समय दिया जाता है. इसलिए कांग्रेस पार्टी को 38 मिनट का समय दिया गया है. कांग्रेस की लोकसभा में 48 सीटें है. इसके अलावा AIADMK की संख्या 37 है तो उसे 29 मिनट का समय दिया गया है. इसके साथ ही ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के 34 सदस्य हैं तो उसे 27 मिनट का समय दिया गया है. इसके अलावा बीजेडी को 15 मिनट, शिवसेना को 14, टीडीपी को 13, टीआरएस को 9 मिनट, सीपीएम को 7 मिनट, एनसीपी और एसपी को 6 मिनट, एलजेपी को 5 मिनट का समय दिया गया है.
शुक्रवार को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के लिए सदन में ना तो प्रश्नकाल होगा और ना ही Lunch Break होगा. यहां तक कि पेश होने निजी विधेयक का समय भी अगले सप्ताह तक के लिये टाल दिया गया है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही में सुबह 11 बजे से लगातार 6 बजे तक के केवल भाषणों का दौर होगा. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत बीजेपी की तरफ से जबलपुर (एमपी) से सांसद राकेश सिंह करेंगे. शुरुआत में TDP द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पार्टी नेताओं के भाषण होंगे और समापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात रखेंगे.
सदन की ताजा संख्या
आज (गुरुवार) बीजेडी से लोकसभा सांसद जय पांडा का इस्तीफा लोकसभा में स्वीकार कर लिया गया है. बीजेडी से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही अब लोकसभा में अब 11 सीटे कम हो गई है. इस तरह सदन की संख्या घटकर 534 हो गई है. जिसमे स्पीकर और 2 मनोनीत भी शामिल है. बीजेपी का अपनी संख्या ही 274 है, स्पीकर को मिलाकर. NDA की संख्या शिवसेना, राजू शेठी और अम्बुमणि रामदौस को मिलाकर. इनको बीजेपी NDA में मानकर अपने पाले में मान रही है. वैसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कोर ग्रुप के साथ सुबह में बैठकर अविश्वास प्रस्ताव पर पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप दिया. इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी पार्टी सचेतकों और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकर उस रणनीति को अंजाम तक पहुचाने पर माथापच्ची की.
आज का अपडेट
आज (गुरुवार को) पार्टी के लगभग डेढ़ दर्जन सचेतक अलग अलग समूहों में पार्टी सांसदों के साथ डिनर करेंगे, जिसमे 15 से लेकर 20 सांसद रहेंगे. पार्टी के व्हिप का असर रहा या उस रणनीति का असर की शत्रुघ्न सिन्हा जैसे नेताओं के भी सुर बदल गए है. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी संकेत दिया की दक्षिण से लेकर पूर्व तक समर्थन है. और जिस तरह से AIADMK और टीआरएस ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन देने से पाला झाड़ा है, उससे साफ दिखता है कि ये दल विपक्ष के गेम में साथ नहीं है.
उद्धव ने किया समर्थन
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी से नाराज चल रही शिवसेना ने भी सरकार का समर्थन करते हुए अपने सासंदों को व्हिप जारी कर दिया है.
बता दें कि प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा था कि चर्चा और वोटिंग शुक्रवार को होगी. प्रश्नकाल के बाद मुद्दे पर महाजन ने कहा कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए विपक्षी सांसदों के नोटिस प्राप्त हुए हैं और यह उनका कर्तव्य है कि वह इसे सदन में विचार के लिए रखें. उन्होंने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा. प्रस्ताव को कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और सीपीएम के सांसदों का समर्थन है.